ज्ञान ,धर्म और धर्माचरण है, इसलिए यह विचार सदैव रखना चाहिए कि इस संसार में मेरा कुछ नहीं है राजश्री यादव

नैनीताल l ज्ञान ,धर्म और धर्माचरण है I इसलिए यह विचार सदैव रखना चाहिए कि इस संसार में मेरा कुछ नहीं है I हमारे ऋषियो द्वारा बनाया गया विधान सर्वश्रेष्ठ है वैदिक वांग्मय के अनुसार इर्ष्या द्वेष लोभ मोह आदि बंधनों से दूर रहना ही जीवन है I संध्या यज्ञ में बार बार ईदनमम शब्द आता है जिसका भाव यह सब द्रव्य मेरे नहीं है I मुख्य अतिथि राजश्री यादव
ने कहा कि व्यक्ति को निर्लेप भाव से संसार में रहना चाहिए I कुशल संचालन परिषद अध्यक्ष अनिल आर्य ने किया व प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया I गायिका कौशल्या अरोड़ा, कमला हंस, रचना वर्मा, सुनीता अरोड़ा, उषा सूद, सुधीर बंसल, कुसुम भंडारी ,शोभा बत्रा, सरला बजाज, रविन्द्र गुप्ता आदि ने मधुर भजन सुनाए I

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