मोक्ष का वास्तविक आधार” विषय पर गोष्ठी संपन्न मृत्यु रूपी दुःखों से छूटना ही मोक्ष हैं -हरिओम शास्त्री
प्रकाशनार्थ समाचार
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नैनीताल l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में “मोक्ष का वास्तविक आधार” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।य़ह कोरोना काल से 662 वाँ वेबिनार था। आचार्य हरिओम शास्त्री ने कहा कि ईश्वर,जीवात्मा और प्रकृति इन तीनों में ईश्वर और प्रकृति को मोक्ष की आवश्यकता ही नहीं है। क्योंकि ईश्वर तो मुक्ति स्वरूप है और प्रकृति जड़ है।अतः इन दोनों को मुक्ति की जरूरत ही नहीं है। मुक्ति तो बन्धन में पड़कर बार बार जन्म लेने और मृत्यु द्वारा शरीर को बार बार छोड़ने वाले जीवात्माओं का लक्ष्य है।दर्शनशास्त्र ने कहा है -“आत्यन्तिकी दुःखनिवृत्ति: मोक्ष:परमपुरुषार्थ: “* अर्थात् सदा सदा के लिए जन्म -मृत्यु रूपी दुःखों का समाप्त हो जाना ही मोक्ष है और यही जीवात्मा का सबसे बड़ा पुरुषार्थ है।ध्यान रहे कि जो स्वयं ही जन्म मृत्यु के चक्र में पड़ा है वह दूसरों को मुक्ति कैसे प्रदान करवा सकता है।मुक्ति प्रदान करने का सामर्थ्य उसी का हो सकता है जो स्वयं ही मुक्त हो। श्रेष्ठ लक्ष्य प्राप्ति हेतु श्रेष्ठ साधन भी आवश्यक होता है।आज हर तरफ तथाकथित स्वघोषित मोक्ष प्रदान कराने वाले बाबाओं की भरमार है।साथ ही उनके अनुयायियों की भी संख्या अनगिनत है।उन्हीं अनुयायियों के धन से महाभोग करने वाले ये तथाकथित बाबा लोग अपने अनुयायियों को त्याग,योग और मुक्ति का उपदेश देते फिरते हैं।
इस विषय पर ऋषि दयानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा है कि योगमार्ग ही मोक्ष प्राप्त करने का एक मात्र उपाय है। नान्य:पन्था: विद्यतेऽयनाय ।
अतः ईश्वर उपासना और योगमार्ग ही मोक्ष प्राप्ति का एक मात्र उपाय है। मुख्य अतिथि आर्य नेता राजेश मेहन्दीरत्ता व अध्यक्ष कुसुम भंडारी ने भी नकली बाबाओं से सावधान रहने का आह्वान कियाI परिषद अध्यक्ष अनिल आर्य ने कुशल संचालन किया।राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया। गायक संतोष धर, जनक अरोड़ा, शोभा बत्रा, संतोष सचान, सुधीर बंसल, कमला हंस, कौशल्या अरोड़ा, मृदुल अग्रवाल आदि के भजन हुए।