वीआईपी के लिए कानून धीमा क्यों ? नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य

नैनीताल l कोटद्वार की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हम सब लोग न्यायालय का सम्मान करते हैं लेकिन सरकार के अभियोजन पक्ष ने VIP को बचाने में सफलता पा ली है। आज भी प्रदेश की जनता चाहती है की उस वीआईपी का नाम सार्वजनिक हो । रिजॉर्ट क्यों तोड़ा गया ? सवाल है इस सिस्टम पर VIP के लिए कानून धीमा क्यों? ये सवाल जिनका जवाब कब मिलेगा ? कांग्रेस की तीन प्रमुख मांगें: VIP की पहचान सार्वजनिक की जाए और उस पर कानूनी कार्रवाई हो।सुप्रीम कोर्ट में अपील कर फांसी की सज़ा की मांग की जाए। एक स्वतंत्र न्यायिक जांच आयोग गठित किया जाए, जो इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करे।

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