जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बुधवार को नैनीताल क्लब सभागार में जल संस्थान और जल निगम के रामनगर, हल्द्वानी और भीमताल डिवीज़न की जल जीवन मिशन की समीक्षा की
नैनीताल l जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बुधवार को नैनीताल क्लब सभागार में जल संस्थान और जल निगम के रामनगर, हल्द्वानी और भीमताल डिवीज़न की जल जीवन मिशन की समीक्षा की और अगस्त माह में जल जीवन मिशन के तहत ली गई बैठक में दिए गए निर्देशों पर की गई कार्यवाही की अपडेट ली, अगस्त और सितंबर माह में डीएम ने ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर जल जीवन मिशन के तहत हो रहे कार्यों की समीक्षा की थी जिसमे प्रधानों ने अपने अपने क्षेत्र की समस्या से अवगत कराया था। डीएम ने संबंधित अधिकारियो को मौक़े पर जाकर समस्या के समाधान के निर्देश दिये थे उसी क्रम में आज विभागों से फ़ॉलो अप लिया गया।डीएम ने जल संस्थान, जल निगम भीमताल, हल्द्वानी और रामनगर की जल जीवन मिशन के तहत फेज 1 -2 में हो रहे कार्यों की प्रगति समीक्षा की। उन्होंने फेज 1 के सभी अवशेष योजनाओं को जल्द क्लोज करने और फेज-2 में हो रहे निर्माणकार्यों कार्यों को गुणवत्ता के साथ जल्द पूरा करने की बात कही। जिससे लिए उन्होंने संबंधित विभाग कार्यदाही और ठेकेदारों से आपसी तालमेल के साथ कार्य करने को कहा।
भीमताल की जेजेएम योजना की समीक्षा के दौरान अधिशाषी अभियंता जल संस्थान ने बताया कि वर्तमान में कुल 76 योजनाओं में कार्य चल रहा है, जिसमें 59 योजनाओं का कार्य पूरा हो चुका है। जिस पर जिलाधिकारी ने भीमताल के जन प्रतिनिधियों से दूरभाष के माध्यम से योजना, गुणवत्ता और विभागों द्वारा बताई गयी प्रगति को दूरभाष से वार्ता कर वेरिफाई किया।जिस पर कुछ प्रतिनिधियों ने कार्यों को लेकर अपनी संतुष्टि व्यक्त की। साथ ही जिलाधिकारी अन्य शेष योजनाओं को एक माह में पूरा करने के निर्देश दिए। जल संस्थान हल्द्वानी की जेजेएम योजना में कार्य में देरी पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्य में गुणवत्ता के साथ तेजी लाने और कार्य में धीमी , लापरवाही करने वाले ठेकेदारों का बांड निरस्तीकरण कर विभागीय कर्मचारी पर कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं में डीडब्ल्यूएसएम के सहमति के बिना एक्सटेंशन दिया गया है ऐसी सभी योजनाओं की सूची सीडीओ को तैयार कर उपलब्ध कराने की निर्देश दिए, विभागों को कहा कि बिना औचित्यपूर्ण कारण से यदि ठेकेदार को अवधि विस्तार दिया जाता है तो राज्य सरकार को होने वाली वित्तीय हानि की वसूली संबंधित अधिशासी अभियंता से की जाएगी, इसलिए यदि ठेकेदार काम नहीं करते हैं तो उनके अनुबंध बिना देरी के निरस्त किया जाए । साथ ही, योजना के तहत 80 प्रतिशत हो चुके कार्यों में अधिशासी अभियंता को ठेकेदार के साथ समीक्षा कर कार्य में तेज़ी लाने और उनके कार्य मानिटीरिंग करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने 15 नवंबर तक हर घर जल सत्यापन करने के लिए ग्रामीण-शहरी इलाकों में खुली चौपाल या बैठक के माध्यम से सत्यापन कराने की बात कही।इस दौरान कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत, नैनीताल विधायक सरिता आर्य, मुख्य विकास अधिकारी अशोक कुमार पांडे, डीडीओ गोपाल गिरी गोस्वामी समेत जल संस्थान, जल निगम के अधिकारी मौजूद रहे।