श्री राम सेवक सभा मल्लीताल नैनीताल के सभा भवन में आज पौष (पूस)मास के प्रथम इतवार को होली गायन का श्रीगणेश किया गया।


नैनीताल। श्री राम सेवक सभा मल्लीताल नैनीताल के सभा भवन में आज पौष (पूस)मास के प्रथम इतवार को होली गायन का श्रीगणेश किया गया। आज की इस बैठक का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस होली की बैठक में पदम् श्री अनूप साह जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि कुमाऊंनी संस्कृति को जीवंतता प्रदान करने में श्री राम सेवक सभा का महत्वपूर्ण योगदान है। श्री साह जी ने राम सेवक सभा के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभा के द्वारा कुमाऊं की लोक संस्कृति के अन्य आयामों की भी जानकारी युवाओं को देने की आवश्यकता है।प्रसिद्ध रंगकर्मी जहूर आलम जी ने कहा कि कुमाऊंनी लोक संस्कृति कि पहचान है कुमाऊंनी रामलीला और कुमाऊंनी होली। इसमें विशेष बात यह है कि इन दोनों विधाओं में लगभग समान रूप के राग गाये जाते है ,और दोनों विधाओं में कलाकार भाग लेते हैं अर्थात रामलीला के कलाकार आसानी से होली में भी सहभागिता कर लिया करते हैं।इसको गाने के लिए इसके जो प्रणेता थे उन्होंने इसे एक निश्चित क्रम में पिरोया है और उसी के अनुसार कलाकार गायन करते हैं।होली गायन का शुभारंभ नरेश चमियाल जी ने – माई के मन्दिरवा दीपक वारूं… से किया। इसके बाद सतीश पाण्डे जी द्वारा – शिव सुमिरन शिव जाना सोई सर्वज्ञ समाना….. विरेन्द्र सिंह द्वारा – माई तोरे द्वार धूम मची रे….. तबले पर श्री राहुल जोशी तथा लोटे पर गिरीश भट्ट द्वारा वादन किया गया। होली गायन में राजा साह जी, रक्षित साह, मिथिलेश पाण्डे, रुद्राक्ष, बृजमोहन जोशी। इस अवसर पर श्री राम सेवक सभा के मनोज लाल साह, जगदीश बवाड़ी,मुकुल चन्द जोशी, देवेन्द्र लाल साह, गिरीश जोशी,विमल साह ,विमल चौधरी, अतुल साह, मिथिलेश पाण्डे, दीपक साह आदि उपस्थित थे। इस होली बैठक का संचालन डाक्टर ललित तिवाड़ी जी द्वारा किया गया।

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