अब चौपाल में ही होगा विरासतन का फैसला — जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने दिए सख्त निर्देश

नैनीताल । जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने जनहित में विरासतन नामांतरण प्रकरणों के त्वरित निस्तारण हेतु जनपद के सभी उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों तथा राजस्व अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि भूमि स्वामी के निधन के उपरांत विरासत नामांतरण के प्रकरणों में अनावश्यक विलंब अस्वीकार्य है, क्योंकि इससे खातेदारों को सरकारी योजनाओं, मुआवज़े, और सामाजिक लाभों का समय पर लाभ नहीं मिल पाता। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी राजस्व ग्रामों में चौपाल लगाकर लंबित विरासत नामांतरण प्रकरणों का स्थलीय स्तर पर निस्तारण सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम-1901 की धारा 33 के तहत यदि मृतक खातेदार के उत्तराधिकारी के संबंध में कोई विवाद नहीं है, तो नामांतरण की प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ की जाए और संबंधित अभिलेखों में प्रविष्टि कर 30 दिवस के भीतर पूर्ण निस्तारण किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जहां किसी भूमि पर व्यक्तिगत या कानूनी विवाद पाया जाए, वहां तत्काल जांच की जाए और आवश्यकता पड़ने पर प्रकरण तहसील स्तर पर सुनवाई हेतु भेजा जाए। जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व अधिकारी आगामी 20 दिनों के भीतर सभी ग्रामों में चौपाल आयोजित करें और जनता को विरासत नामांतरण संबंधी प्रक्रिया से अवगत कराएं। साथ ही प्रत्येक तहसीलदार यह सुनिश्चित करें कि विरासत नामांतरण के सभी गैर विवादित प्रकरणों का शीघ्र एवं पारदर्शी निस्तारण किया जाए।

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