जेजेएम योजना के ठेकेदारों की सुस्त कार्यप्रणाली-ठेकेदारों को जारी किए गए नोटिस
नैनीताल। जल जीवन मिशन (जेजेएम) योजना के ठेकेदारों की सुस्त कार्यप्रणाली पर चिंता जताई जा रही है। योजना के तहत पॉंच ब्लॉको में कुल 236 परियोजनाओं में काम किया जा रहा है जिसमें से महज 137 परियोजना में ही कार्य ही पूरा हो पाया है, जिससे अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। दिसंबर 2024 तक सभी कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए समय पर काम पूरा करने की संभावना कम नजर आ रही है।
जेजेएम योजना के तहत जलापूर्ति और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। नैनीताल जिले में इस योजना की प्रगति अब तक औसतन 70 प्रतिशत ही रही है, जो कि योजना की प्राथमिकताओं और निर्धारित समयसीमा के हिसाब से नाखुश करने वाली है। यह तथ्य विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि नैनीताल को इस योजना में तीसरे स्थान पर रखा गया है।
जल संस्थान के कार्यकारी अभियंता ने समय पर कार्य पूरा नहीं करने के कारण लगभग दस ठेकेदारों को अंतिम नोटिस जारी किए हैं। इन नोटिसों में ठेकेदारों से मांग की गई है कि वे जल्द से जल्द अपनी परियोजनाओं को पूरा करें, अन्यथा उन्हें सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
जल जीवन मिशन की सफलता केवल ठेकेदारों की कार्यप्रणाली पर निर्भर नहीं है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और नागरिकों की सहभागिता भी महत्वपूर्ण है। यदि ठेकेदार समय पर अपने काम को पूरा नहीं करते हैं, तो यह योजना के उद्देश्यों को पूरा करने में बाधा डाल सकता है। ऐसे में सभी पक्षों को मिलकर काम करना होगा ताकि जल जीवन मिशन की योजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके।
ठेकेदारों की सुस्ती और काम में देरी से योजना की प्रभावशीलता और लाभकारी प्रभाव पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसके अलावा, समय पर कार्य पूर्ण न होने से योजनाओं के बजट और संसाधनों का भी उपयोग सही से नहीं हो रहा है। इसलिए ठेकेदारों को चेतावनी दी गई है कि वे अपनी कार्यक्षमता को सुधारें और निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूरा करें।
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जल संस्थान के अधिशासी अभियंता रमेश गर्ब्याल ने बताया कि योजनाओं की प्रगति की निगरानी नियमित रूप से की जा रही है और किसी भी प्रकार की देरी को सहन नहीं किया जाएगा।दिसंबर तक सभी योजनाओं का काम पूरा कर दिया जाएगा।