राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उत्तराखंड में रियल एस्टेट के माध्यम से होने वाले विकास पर चर्चा की गई

मसूरी। राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उत्तराखंड में रियल एस्टेट के माध्यम से होने वाले विकास पर चर्चा की गई। कहा गया कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए टूरिज्म के साथ ही टाउनशिप निर्माण पर जोर दिया गया। संकल्प लिया की राज्य में अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाएगा।
यहां एक होटल में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के वित्त, आवास एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल थे। उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।
देश भर से पहुंचे रियल एस्टेट कारोबारियों को संबोधित करते हुए शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि डेवलपर का नाम ही विकास है। कहा कि उत्तराखंड में काम करने की अपार संभावना है। कहा कि राज्य के बड़े शहरों से तेजी से आबादी बढ़ रही है। सरकार अब राज्य में 22 नए टाउनशिप विकसित करने पर विचार कर रही है। इसके लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। सरकार को इसे लोगों की आवश्यकता है जो ईमानदारी से इस दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट से रोजगार के साथ ही सरकार को राजस्व भी मिलेगा। बस ईमानदारी व नियमों से काम करने की जरूरत है। उत्तराखंड का जिक्र करते हुए कहा कि यह देवभूमि है। देश और विदेश के लोग यहां आकर रहने के इच्छुक रहते हैं। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में अच्छी सड़कों का निर्माण हुआ है। अभ दिल्ली से देहरादून दो घंटे के भीतर पहुंचने की व्यवस्था हो गई है। यहां रेलवे सेवा का अच्छा विस्तार हुआ है। हवाई सेवा अच्छी है। स्पष्ट किया कि रियल एस्टेट में निवेश करने वालों को सरकार पूरा सहयोग देगी
विशिष्ट अतिथि व उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पर्यटन राज्य होने के नाते उत्तराखंड में रियल एस्टेट विकास की अपार संभावनाएं हैं। यहां पूरे वर्ष पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और घूमने का शौक रखने वाले उत्साहित लोगों का आना जाना लगा रहता है। दूसरी वजह मेट्रो शहरों में जमीन की कमी ने देश के छोटे शहरों की ओर कंपनियों का ध्यान केंद्रित किया है। यहां पेशेवरों को समायोजित करने के लिए प्रौद्योगिकी क्षेत्र को अधिक आवासीय स्थान की आवश्यकता है। जैसा कि देहरादून शहर को थीम टाउनशिप में बढ़ने के लिए प्रेरित किया भी जा रहा है, जहां वाणिज्यिक और खुदरा विकास, प्रस्तावित आईटी/एसईजेड के साथ आवासीय क्षेत्र को उच्च स्तर पर देखा जा रहा है। यह जाहिर बात है कि टाउनशिप निर्माण के साथ ही क्षेत्र के विकास में भी काफी मदद मिलती है। इसके साथ भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाना नितांत आवश्यक है जिस दिशा में आप लोगों से अनुरोध है कि आप इस विषय पर मिलकर काम करेंगे। उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पेड़ लगाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मसूरी में भी हाउसिंग प्रोजेक्ट लगाने वालों को भी विचार करना चाहिए। कहा कि आज हाउसिंग प्रोजेक्ट शुरु करने से पहले सौर ऊर्जा पर भी विचार करना चाहिए।
परिषद के नेशनल अध्यक्ष जी हरी बाबू ने कहा कि रियल एस्टेट देश की आर्थिकी की रीढ़ है। भारतीय अर्थव्यवस्ता की आठ फीसदी जीडीपी का हिस्सा रियल एस्टेट व्यवसाय से आता है। इस दिशा में सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। उपाध्यक्ष राजन बंधेलकर ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड में भी रियल एस्टेट की अपार संभावना है। जरूरत ईमानदारी से काम करने की है। सरकार को भी इस दिशा में काम करना होगा।
राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद के उत्तराखंड के अध्यक्ष व शिखर समूह चेयरमैन मनोज जोशी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने उत्तराखण्ड में रियल एस्टेट कारोबार की सम्भावनाओं पर विचार रखें। श्री जोशी ने कहा कि उत्तराखंड मे रियल स्टेट को और बेहतर बनाने के लिये काम करने की जरूरत है। यहाॅ की भौगोलिक स्थिति और पर्यावरण को देखते हुए टाउनशिप का निर्माण करने पर विचार किया जाना चाहिए। रियल एस्टेट को टूरिज्म के साथ जोड़कर विकास कार्य करना जरुरी है।
कार्यक्रम में भारत सरकार के आवास विभाग के सलाहकार दिनेश कपिला, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने विचार रखें। कार्यक्रम में प्रवीण जैन, कपूला श्रीधर रेड्डी, सुनील चंद्र रेड्डी,हरप्रीत बेदी, इंदर सिंह बिष्ट, विशाल भाटिया,अशोक पाटनी, शिखर समूह के निदेशक कमलेश जोशी राहुल भाटिया, आशीष अग्रवाल, मौजूद थे। संचालन ज्योति नारायण ने किया।

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