नए सत्र से शुरू होगी नई शिक्षा नीति
- कुमाऊं विश्व विद्यालय में नई शिक्षा नीति पर तीन दिवसीय कार्यशाला आज से शुरू
- शिक्षामंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने किया किया कार्यशाला का उद्घाटन
- संविदा शिक्षकों को मिलेंगे 57 हजार प्रतिमाह
नैनीताल : कुमाऊं विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022को अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू हो गई है। कुमाऊँ विश्वविद्यालय में गुरुवार से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।
उद्घाटन पर शिक्षामंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वर्चुवल माध्यम के जरिए कहा कि शुभकामनाएं दी। शिक्षामंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा नई शिक्षा नीति देश दुनिया को नई दिशा देगी। युवाओं के भविष्य को वैश्विक शिखर पर पहुंचाएगी। जिसमें गुरुजनों का सहयोग सर्वोपरि है। राज्य के सभी विश्व विद्यालयों के प्रत्येक शिक्षक को अपना सौ प्रतिशत देना होगा, तभी नई नीति कारगर साबित हो पाएगी। संविदा पर रखे जाने वाले शिक्षकों का वेतन 57 हजार रुपए दिए जाने की बात कही।
कुलपति प्रो एनके जोशी ने कहा कि विद्यार्थियों को अगले सत्र से भगवत गीता, वेद, उपन्यास, वैदिक साइंस, वैदिक गणित और ज्योतिष का पाठ पढ़ाया जाएगा। इस पाठ्यक्रमों के साथ ही भारतीय संस्कृति से संबंधित दस अन्य पाठ्यक्रमों से भी विद्यार्थी बीए, बीएससी और बीकॉम कर सकते हैं। इसमें विश्वविद्यालय अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप तीस फीसदी पाठ्यक्रम बदल सकता है, लेकिन 70 फीसदी पाठ्यक्रम एक समान होगा। कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है और विशेषज्ञों को कुमाऊं विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में आमंत्रित किया गया है ।
नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए 70% पाठ्यक्रम पूरे राज्य के विश्वविद्यालयों में एक जैसा होगा एवं 30% पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय अपनी भौगोलिक परिस्थितियों, क्षेत्रीय स्तर की अपेक्षाओं, संसाधनों के अनुरूप रख सकते है
इस मौके पर कुमाऊं यूनिवर्सिटी के प्रो .एनके जोशी , उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के प्रो .ओपी एस नेगी ,श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी के प्रो.पीपी धयानी , एसएसजे यूनिवर्सिटी के प्रो एनएस भंडारी , दून यूनिवेरिटी के प्रो सुरेखा डंगवाल मौजूद रहे