यज्ञ, भजन एवं भंडारे के साथ नैनीताल में देवी भागवत का हुआ परायण।

नैनीताल l ऊंची पहाड़ी शेर का डांडा स्थित रामलीला प्रांगण में नव साँस्कृतिक सत्संग समिति द्वारा आयोजित देवी भागवत का परायण किया गया। व्यास के रूप में सतगुरु धर्म मार्तण्ड भागवत किंकर श्री नमन कृष्ण जी महाराज ने भागवत का शाब्दिक अर्थ समझाते हुए बताया कि भागवत चार अक्षरों से बना है। भक्ति ज्ञान वैराग्य एवं त्याग के समन्वय का नाम ही भागवत है। देवी भागवत मानव जाति में स्त्रैण गुणों के विकास की प्रेरणा प्रदान कर्ता है। स्त्रैण गुण अर्थात संसार में जितने श्रेष्ठ गुण हैं वो मातृ शक्ति के नेतृत्व में ही विकसित होते हैं। संसार में त्रिलोकी शक्तियों के सम्मिलित स्वरूप से ही देवी स्वरूप का प्रादुर्भाव हुआ। भक्ति के स्वरूप को अपने दैनिक जीवन में उतारने, अपने भोजन से अपने इष्ट को भोग लगाते हुए अन्न को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से एवं सात्विक जीवन जीने से हम अवांछित व्याधियों एवं रोगों से भी मुक्त रहते हुए शांति पूर्ण जीवन जी सकते हैं। आयोजन को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष खुशहाल सिंह रावत, उपाध्यक्ष संतोष पंत, सचिव पी सी पांडे, उपसचिव डॉo हिमांशु पांडे, कोषाध्यक्ष विनोद सनवाल, सहित इंद्र सिंह रावत, कैलाश जोशी, वीरेंद्र जोशी, कंचन चंदोला, ललित पांडे, दीपक जोशी, दीपक पांडे, कुँवर सिंह रावत, ललित गोस्वामी, गणेश लोहनी, कमल बिष्ट, विपिन पंत, प्रकाश चंदोला, नवीन चंदोला, पंकज वर्मा, चंद्र शेखर जोशी, दीपेन्द्र चौधरी, हिम्मत सिंह, दिनेश पांडे, बबलू रावत, गौरव जोशी, संस्कार पांडे, निश्चय पंत, रौनक बोरा, निखिल उपाध्याय, सार्थक जोशी, सार्थक बिष्ट, चेतन बिष्ट, कुनाल, हैप्पी, गुड्डू, विक्की, बब्बू सहित मातृ शक्ति की तरफ से लता रावत, निर्मला पांडे, सुमन रावत, दीपा पांडे, चित्रा पंत, हिमांशु तिवारी, ममता जोशी, बीना कंचन चंदोला, तनुजा बिष्ट, बीना चंदोला ज्योति चौधरी, प्रेमा पांडे सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं द्वारा सक्रिय योगदान दिया गया।







