रघुवीर सिंह चौहान की कहानी संग्रह “बँधी हुई आस” का विमोचन हुआ

नैनीताल l राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध साहित्यकार ठाकुर आज द्रोण होटल, देहरादून के एक हॉल में कैप्टन रघुवीर सिंह चौहान के कहानी संग्रह “बँधी हुई आस” के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कैप्टन चौहान ने बहुत ही मार्मिक ढंग से कहानियों का वर्णन किया है और विषयों का सुंदर चयन किया है। उन्होंने कहा कैप्टन चौहान को फौजी की डायरी भी लिखनी चाहिए अपने अनुभव के ऊपर।
प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने कहा है कि साहित्य समय और समाज को बतता है, और यह लिखना जरूरी है। बुग्याल पर उत्तराखंड की आज की पीढ़ी अनजान है। बुग्याल के बारे में केरल वालों से अपेक्षा नहीं रख सकते हैं। इस तरह की बहुत सी चीजों को साहित्य में लिखा जाना चाहिए। साहित्यिक कृतियों से पीढियाँ समय को पता करेंगी!
साहित्यकार शूरवीर रावत ने कहा कि, कैप्टन चौहान का पहला कहानी संग्रह में उनकी कुल तेरह कहानियां हैं। गढ़वाल के सुदूर चमोली जनपद में एक कृषक परिवार में जन्मे कैप्टन चौहान की कहानियों में सेना वाला रोबदार नहीं झलकता है, बल्कि पहाड़ की पीड़ा को अधिक स्थान मिला है। भाषा, शैली और शिल्प की दृष्टि से कहानियों भले ही अधिक प्रभावित नहीं करती हैं, किन्तु प्रेमचंद की कहानियों की भांति पात्रों के चयन और कथानक पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इस अवसर पर पर्यावरणविद चंदन सिंह नेगी ने पुस्तक प्रकाशन पर प्रकाश डाला, शीशपाल गुसाईं, स्वामी एस. चंद्रा ने पुस्तक की एक कहानी पर विस्तार पूर्वक लेखक की भावना को समझाया, कैप्टन जे. पी. नौटियाल ने अपने विचार व्यक्त किये, वरिष्ठ पत्रकार अर्जुन सिंह बिष्ट ने बहुत सुन्दर मंच संचालन किया, इस अवसर पर कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे,

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