दुर्गापुर स्थित दूषित जल स्रोत का मामला दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है अब मामले को लेकर बलियानाला संघर्ष समिति मुखर होने लगी है।
ज्योलीकोट (नैनीताल) – दुर्गापुर स्थित दूषित जल स्रोत का मामला दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है अब मामले को लेकर बलियानाला संघर्ष समिति मुखर होने लगी है। बलिया नाला संघर्ष समिति अध्यक्ष डी.एन भट्ट का कहना है कि प्रदूषण जल तब तक साफ नहीं हो सकता जब तक दुर्गापुर स्थित ट्रीटमेंट प्लांट और सरस्वती विहार स्कूल के पास से गुजर रही सीवर लाइन को हटा दिया जाए। भट्ट का कहना है कि करोड़ो रूपये लागत का बना ट्रीटमेंट प्लांट बंद पड़ा है शिविर का गंदा पानी सीधा बलिया नाला में समाकर पवित्र चित्रशिला घाट रानी बाग जिसे गंगा के रूप माना और पूजा जाता है उसे दूषित कर रहा है इसके अलावा यह पानी हल्द्वानी काठगोदाम में भी पिया जाता है इतनी बड़ी लापरवाही कैसे बर्दाश्त की जा सकती है। उन्होंने कहा अगर क्षेत्र को बीमारी से बचाना है तो नए जल स्रोत की तलाश कर पानी की सप्लाई सुचारू रुप से चालू किया जाना चाहिए। शुक्रवार स्वास्थ्य विभाग की एक टीम डा. हेमंत मरतोलिया के नेतृत्व में दुर्गापुर स्रोत के जल का नमूना लेने पहुंची और उन्होंने जल का नमुना लिया साथ ही वीरभट्टी, छीना, गाजा, सरियाताल में दवा वितरित की और पानी के सैंपल भी लिए। जिसमे डा. मोहन भट्ट, डा. एन के कांडपाल, फार्मेसीस्ट नम्रता, सुपरवाइजर कमला बिष्ट आदि लोग थे। इधर बेलुवाखान मे ब्लाक प्रमुख डा. हरीश सिंह बिष्ट ने जल स्रोत का निरक्षण किया जहाँ पर शिविर के गन्दे पानी ने पूरा जल स्रोत दूषित कर दिया है उन्होंने तुरंत यु.एस. डी ए के अधिकारीयों को दो दिन के अंदर लोहे और प्लास्टिक के पाईप उपलब्ध कराने के निर्देश दिए साथ ही उन्होंने कहा कि आर्यभट्ट इंस्टिट्यूट के मोड़ पर दस मीटर से पहले शिविर लाईन को मोड़ दिया जाए जिससे पानी दूषित न हो सके।