स्वामी चन्द्रा ने छात्र-छात्राओं के साथ गुरु शिष्य परम्परा पर संवाद किया

देहरादून I भारतीय शिक्षण मंडल एवं शैल कला एवं ग्रामीण विकास समिति (1986), के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, हाथीबड़कला मैं ^गुरु शिष्य प्रम्परा^ पर संवाद किया गया,
सर्वप्रथम भारतीय शिक्षण मण्डल के प्रांतीय पदाधिकारी – स्वामी एस. चन्द्रा तथा विद्यालय की प्रधानाचार्या ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारम्भ वेद व्यास जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया,
“गुरु पूर्णिमा पर प्रकाश डालते हुये स्वामी चन्द्रा ने कहा गुरु पूर्णिमा एक ऐसा दिन है जब हम अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं और उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं।
गुरु हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह हमें ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। गुरु के बिना, हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकते हैं और अपने जीवन को सही दिशा में नहीं ले जा सकते हैं। आज के दिन, हम अपने गुरुओं का सम्मान करने के लिए एकत्रित हुए हैं। आइए हम अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करें और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दें। श्रीमती रावत ने कहा जीवन में गुरु हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं। इस अवसर पर विद्यालय की समस्त छात्र-छात्रायें एवं शिक्षिकाऐ उपस्थित रहे I