जल्द ढह जाएगा जीआईसी का ग्राउंड बलियानाले से लगे इस मैदान का अस्तित्व खतरे में


नैनीताल। नैनीताल नगर का निचला क्षेत्र यानी बलियानाले से लगे जीआईसी का मैदान खतरे की जद में है। पिछले कई वर्षों से बलिया नाला क्षेत्र में भूस्खलन और पानी के रिसाव को लेकर प्रशासन द्वारा जापान की कंपनी जाएगा और इसरो द्वारा सर्वे के बावजूद इस क्षेत्र का ट्रीटमेंट समय रहते नही किया जा सका। इधर बृहस्पतिवार को भी सिंचाई विभाग के अंतर्गत पुने की जींसपीरुव संस्था के द्वारा भूभौतिकी सर्वे गांधी चौक तल्लीताल से ठंडी सड़क तक सीनियर इंजीनियर डॉक्टर घनश्याम चौधरी और जियोलॉजिस्ट समाधान मदने के नेतृत्व में रोड में ड्रिल कर करीब 12 इंच रोड डालकर 50 से 60 मीटर धरातल तक की स्थिति को लेकर यह प्रशिक्षण किया जा रहा है डॉ घनश्याम ने बताया पिछले 15 दिन से हमारा प्रशिक्षण बलिया नाला में चल रहा था। और वहां पूरा हो गया है अब हल्द्वानी रोड तल्लीताल बाजार और भवाली रोड किया जाएगा। तल्लीताल डॉट से ठंडी रोड लगभग डेढ़ सौ मीटर का सर्वे कल डाटा एकत्रित किया जा रहा है इससे यह पता चल जाएगा कि नैनी झील की निकासी कहां से हो रही है और बलिया नाले में पानी की सीबीज जो हो रही है वह कई झील से तो नहीं हो रही है इसका इस विधि से पता चल जाएगा और अगर ऐसा हुआ तो उसको रोकने के लिए हमारे द्वारा ड्राफ्ट बना कर विभाग को दे दिया जाएगा
तीन तरह से किया गया सर्वे
नैनीताल। जूलॉजिस्ट मदने ने बताया हमारे द्वारा 3 विधि से सर्वे किया जा रहा है फिजिकल टेक्निशियन और भूकंप विधि से कहां वाइब्रेशन हो रहा है और बलिया नाला में भूस्खलन कैसे रोका जा सकता है वह इन विधियों से पता चल जाएगा।
बलियानाले की स्थिति भी गंभीर
नैनीताल। वर्तमान में बलिया नाले की स्थिति काफी गंभीर है आने वाले बरसात या पहले अगर दो-चार दिन के लिए मूसलाधार वर्षा हो जाती है तो जीआईसी स्कूल का जो ग्राउंड बलिया नाले से लगा हुआ है वह भी भूस्खलन में समाने की संभावना है बलिया नाला बलिया और झील को रोकने के लिए ही यह सर्वे किया जा रहा है और जल्दी ही हमारे द्वारा रिपोर्ट 1 महीने के अंदर सिंचाई विभाग को दे दी जाएगी और जल्दी ही विभाग द्वारा इस का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

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