श्री मद देवी भागवत दूसरे दिन भी जारी रहा

श्री मद देवी भागवत के दूसरे दिन विधि विधान से पूजा संपन्न हुई। व्यास देवेश शास्त्री ने मां दुर्गा के रूपों का वर्णन करते हुए सूतजी द्वारा व्यास जी की उत्पत्ति और देवी की महिमा का वर्णन किया जाता है तथा नारद मुनि और व्यास जी के बीच संवाद, तथा सुखदेव जी के वैराग्य और ज्ञान प्राप्ति की कथा का वर्णन किया सूतजी सोनक ऋषि के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कथा का विस्तार करते हैं. व्यास जी की उत्पत्ति और उनके द्वारा देवी भागवत को प्रकट करने का वर्णन किया ।
सूतजी कहते हैं कि सत्यवतीनंदन व्यास जी सरस्वती नदी के तट पर विराजमान थे, जब उन्हें गौरैया पक्षी के घोंसले में एक सुंदर बच्चा देखकर आश्चर्य हुआ,।
नारद मुनि व्यास जी से उनके आश्चर्य का कारण पूछते हैं और व्यास जी उन्हें सुखदेव जी के जन्म और उनके वैराग्य की कथा सुनाई। व्यास जी ने सती एवं दक्ष प्रजापति का वृतांत भी प्रस्तुत किया।
व्यास देवेश शास्त्री जी ने बताया कि सुखदेव जी अयोनिज हैं और उन्होंने पिता की आज्ञा से विवाह किया, पांच संतानों को उत्पन्न किया और फिर वैराग्य को धारण किया ।देवी की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कैसे देवी ने विभिन्न रूपों में प्रकट होकर भक्तों की रक्षा की. करती है ।
ज्ञान, वैराग्य और देवी की महिमा के साथ-साथ, सूतजी द्वारा व्यास जी की उत्पत्ति और सुखदेव जी के वैराग्य की कथा का वर्णन आज का प्रकरण रहा । आज की कथा भक्तों को ज्ञान, वैराग्य और देवी के प्रति भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है.। आज के पूजन में श्री पुरन तिवारी सपत्नीक यजमान रहे ।
इस अवसर पर मनोज सह ,जगदीश बावड़ी ,अशोक साह , मुकेश जोशी ,राजेंद्र लाल साह, देवेंद्र लाल साह,हीरा सिंह ,कैलाश बोरा , मिथिलेश पांडे ,आनंद बिष्ट ,हरीश पंत ,राजेंद्र बिष्ट ,बिमल साह ,ब बिमल चौधरी ,भुवन बिष्ट , मुन्नी भट्ट , सभासद लता दफौटी, मोहित लाल साह सहित सुमन साह ,भावना ,वंदना पांडे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।


