अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में”योगो भवति दुःखहा” पर गोष्ठी संपन्न। शरीर,मन,बुद्धि को दुःख रहित बनाने हेतु योग अपनाएं – हरिओ३म् शास्त्री ध्यान साधना द्वारा ही जीवात्मा को परमात्मा की अनुभूति हो सकती है- प्रवीण आर्य(प्रान्तीय अध्यक्ष)

प्रकाशनार्थ समाचार

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गाजियाबाद l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “योगो भवति दुःखहा” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल से 657 वां वेबिनार था।

वैदिक विद्वान हरिओ३म् शास्त्री ने कहा कि योगेश्वर श्रीकृष्ण जी ने श्रीमद्भगवद्गीता में योग को सभी दुःखों का नाशक कहा है।वे कहते हैं कि — युक्ताहार विहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु।
युक्त स्वपनावबोधस्य योगो भवति दुःखहा।।
अर्थात् -उचित और उचित मात्रा में उचित समय पर भोजन खाना, उचित घूमना फिरना,उचित कर्मों में प्रयत्न करना,उचित समय पर सोना और उचित समय पर जागना ही दुःख को दूर करने वाला योग होता है।मनुष्य के लिए वास्तविक योग का लक्ष्य परमात्मा के साथ मिलन होता है।जो साधना,संयम,शुद्धता और अध्यात्म से प्राप्त होता है।फिर भी ऋषि मुनियों ने शारीरिक स्वास्थ्य,मानसिक और बौद्धिक उन्नति को भी प्राप्त करने का एक मात्र उपाय योग को ही बताया है। सफलता और असफलता में एक रूप में रहने को भी योगेश्वर श्रीकृष्ण ने योग कहा है।वे कहते हैं — योगस्थ: कुरु कर्माणि संगं त्यक्त्वा धनञ्जय:।
सिद्ध्यसिद्ध्यो: समो भूत्वा समत्त्वं योग उच्यते।।
केवल शारीरिक स्वास्थ्य हेतु किया गया व्यायाम ही योग नहीं कहलाता है।मन और बुद्धि को सूक्ष्म तथा शक्तिशाली बनाना और आत्मा को परमात्मा के साथ जोड़ना वास्तविक योग होता है।
जैसे एक के साथ कोई भी दूसरी संख्या को जोड़ने से बनने वाली संख्या बड़ी होती है।वैसे ही आत्मा का योग परमात्मा से होने पर आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। इसलिए योग को मोक्षद: भी कहते हैं।अतः अपने शरीर,मन,बुद्धि और आत्मा को दुःख रहित बनाने हेतु योग को निरंतर अपनाना चाहिए।तभी वह हमारे दुःखों को दूर करने वाला बन सकेगा।

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मुख्य अतिथि वीरेन्द्र योगाचार्य (प्रान्तीय महामंत्री हरियाणा) ने कहा कि सत्य का पालन करने पर जीवन में हम आगे बढ़ सकते हैं।तथा करो योग रहो निरोग।
केंद्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय
अध्यक्ष योगी प्रवीण आर्य ने कहा कि महर्षि पतंजलि के योग सूत्र को अपना कर ध्यान साधना द्वारा जीवात्मा को परमात्मा की अनुभूति हो सकती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि योग का अर्थ जोड़ना आत्मा को परमात्मा से जोड़ना योग है। हमे जात-पात ऊंच-नीच प्रांतवाद से उपर उठकर समाज को जोड़ने का काम करेगी I उन्होंने बताया की परिषद “भूटान ” मे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएगी जिसका लाइव प्रसारण होगा I 20 आर्य जन भूटान पहुंच रहे हैं I

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गायिका कौशल्या अरोड़ा, कमला हंस,आशा आर्या, शोभा बत्रा,सुधीर आर्य, रविन्द्र गुप्ता, कृष्ण कुमार यादव,सुभाष शर्मा, कुसुम भंडारी आदि ने मधुर भजन सुनाए।

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