महा नवमी विशेष

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः – मा दुर्गा सर्वभूतों में शक्ति तथा सभी प्राणियों में शक्ति रूप में विद्यमान हैं मा को बार बार नमस्कार है । मां की आराधना शक्ति की स्तुति है जो हमारे अंदर समाई होती है ।
मां दुर्गा की शक्ति का वर्णन दुर्गा सप्तशती ,मार्कंडेय पुराण में मिलता है जो
शक्ति की पूजा और आराधना में महत्वपूर्ण है। नवरात्रि के दौरान इसे विशेष रूप से पढ़ा जाता है तथा मां के नौ रूपों की आराधना की जाती है ।

इन नौ स्वरूपों- में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री, की पूजा होती है। मां दुर्गा
शक्ति का प्रतीक है जो
सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान , भक्ति और आराधना के लिए महत्वपूर्ण है तथा
इसका पाठ आध्यात्मिक शांति देता है । मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र प्रयुक्त होते है जो शक्ति और भक्ति के प्रतीक हैं। इन प्रमुख भगवती मंत्र में
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”: चामुंडा मंत्र ,“ॐ दुं दुर्गायै नम:”: दुर्गा मंत्र ,“जय भगवती देवी”: सरल और भक्तिपूर्ण मंत्र ,“श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ नमो भगवति” आदि शक्ति मंत्र का जाप किया जाता है । मां की आराधना दुर्गा देवी शक्ति और साहस की प्रतीक , काली देवी महाशक्ति का रूप , लक्ष्मी देवी धन और समृद्धि की देवी तथा सरस्वती देवी ज्ञान और विद्या की देवी है । मां का पूजन शक्ति और संरक्षण का प्रतीक हैं जिसे विशेषतः नवरात्रि में पूजा जाता है जिससे भक्ति और आराधना के समावेश से देवी का आशीर्वाद मंगलकारी माना जाता है । दुर्गा मंत्र को बहुत पवित्र और शक्तिशाली माने जाते हैं। वर्ष के दो नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा होती है जिसमें शारदीय नवरात्र प्रमुख है । जहां बंगाल में दुर्गा पूजा बहुत प्रसिद्ध है तो काली पूजा विशेष रूप से दीपावली के बाद मनाई जाती है । दुर्गा देवी के रूप शक्ति के रूप में भी जानी जाती है जिसमें महिषासुरमर्दिनी ,शक्ति और साहस* के साथ अष्टभुजा का रूप शामिल है ।

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दुर्गा की पूजा का अर्थ ही शक्ति की आराधना ,बुराई पर जीत ,
नवरात्रि उत्सव ,तथा भक्ति और संरक्षण लेना है । देवी दुर्गा की शक्तियों को
दुर्गा सप्तशती जो मार्कंडेय पुराण का एक महत्वपूर्ण भाग है ,देवी महात्म्य ,चंडी पाठ में मिलता है ।
भगवान श्री राम जब लंका को जा रहे थे तो उन्होंने भी मा भगवती दुर्गा से आशीर्वाद मांगा था। मां दुर्गा की आराधना व्यक्ति की आत्मिक उन्नति तथा अपने को व्याहारिक रखने में कारगर है ।ॐ दुं दुर्गायै नम:” सरल और प्रभावी मंत्र है जो मां को समर्पित है । भक्तजन नवमी को नौ दिनों के उपवास पर हवन के साथ कन्या पूजन कर भक्ति को समर्पित करते है। Doctor Lalit Tiwari

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