डंग कलैक्टर के प्रयोग से श्रम और समय की बचत
नैनीताल। कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम सरियाताल की महिलाओं को पशुशाला का गोबर और धास कूड़ा उठाने के लिए प्लास्टिक से बने हल्के और लम्बे हैन्डल वाले डंग कलैक्टर का उपयोग सिखाया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य श्रम और समय की बचत के साथ-साथ स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम करना था।कार्यक्रम में डा. सुधा जुकारिया और डा. शशि तिवारी ने महिलाओं को डंग कलैक्टर के सही उपयोग और रखरखाव की जानकारी दी। डा. सी तिवारी ने बताया कि पारंपरिक विधियों से सफाई करने में महिलाओं को अधिक श्रम और समय खर्च होता है, साथ ही हाथ से सफाई करने पर त्वचा संबंधित बीमारियों का खतरा भी रहता है, जिसे डंग कलैक्टर से कम किया जा सकता है। इस दौरान डा. संजय चौघरी ने पर्वतीय क्षेत्रों में बनाई जाने वाली पशुशालाओं में की जाने वाली गलतियों और उनके जानवरों के स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने पशुशाला में हवा के आवागमन के लिए खिड़कियाँ लगाने और फर्श को समतल रखने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।कार्यक्रम में विमल कुमार शर्मा, डा. राकेश मेर, सुभाष चन्द्र, दीप कुमार, कमला सत्यपाल, महिपाल चन्द्र लोहनी, गोविन्दी देवी, पिताम्बर सुयाल, सुमित कुमार और मनोज कुमार सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।