पवित्र श्रावण मास।”मोटेश्वर महादेव “कालाढूंगी (नैनीताल)!संस्कृति अंकसंकलन – बृजमोहन जोशी!नया गांव

कालाढूंगी (नैनीताल)! नया गांव कालाढूंगी के आरक्षित क्षेत्र बरहैनी रेंज के घने जंगलों के बीच स्थित है मोटेश्वर महादेव का मन्दिर। श्रावण मास में महादेव के मंदिर में भक्त जलाभिषेक हेतु पहुंच रहे हैं ।
नैनीताल,कालाढूंगी के आरक्षित क्षेत्र बरहैनी रेंज में स्थित मोटेश्वर महादेव मंदिर लोगों की अगाध श्रद्धा का केन्द्र है। लोक मान्यता के अनुसार भगवान शिव यहां विशालकाय रूप में विराजमान हैं तथा इसी मन्दिर परिसर में मां आदिशक्ति मां भगवती भी पाषाण खंड शक्ति के रूप में विराजमान हैं।इस क्षेत्र के लोगों के मतानुसार -मोटेश्वर महादेव का शिवलिंग स्वयंभू शिव लिंग है और भारत के सभी स्वयंभू शिवलिंगों में आकार में बड़ा है, इसलिए इस धाम को मोटेश्वर महादेव कहा जाता है।आबादी से कोसों दूर घने जंगल में बसा मोटेश्वर महादेव मंदिर अतीत से ही ऋषि-मुनियों की तपस्थली रहा है।श्रृद्धालु भक्तों का मानना है कि यहां पर मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।इसलिए इस मंदिर को तपोवन भूमि के नाम से भी जाना जाता है।वैसे तो सालभर इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है।लेकिन श्रावण मास में इस मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाती है।

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