राज्य में 21 हजार उपनल कर्मचारियों को नियमित करे सरकार

नैनीताल। उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ ने प्रदेश के 21 हजार कर्मचारियों को नियमित किये जाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद भी उन्हें नियमित नहीं किये जाने पर संगठन की ओर से अवमानना याचिका दायर करने की चेतावनी भी दी है।

बुधवार को संगठन पदाधिकारियों ने नैनीताल क्लब में पत्रकार वार्ता की। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश शर्मा ने कहा कि राज्य गठन के बाद वर्ष 2004 में राज्य सरकार ने उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) का गठन किया। इसके बाद हजारों उपनल कर्मचारियों को नियुक्त किया गया, जिनकी संख्या आज 21 हजार है। कई वर्षों की सेवा देने के बाद भी उपनल कर्मचारियों का कोई भविष्य नहीं है और न ही उनको इस महंगाई के दौर में अपना जीवन यापन करने लायक वेतन भी नहीं दिया जाता है। वर्षों से प्रदेशभर में कार्यरत 21 हजार पदों को सीधी भर्ती से भरा जा रहा है। 15 से 20 वर्षों से कार्य कर रहे उपनल कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है। कहा कि यदि सरकार के स्तर पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो संगठन की ओर से अवमानना याचिका दायर की जाएगी।अधिवक्ता एमसी पंत ने बताया कि 2018 में हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि उपनल के माध्यम से स्कीम बनाकर कर्मियों को नियमित किया जाए। तब तक कर्मियों को वेतन व अन्य भत्तों का भुगतान करें। लेकिन सरकार के स्तर पर इस निर्णय पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अभी कुछ समय पूर्व ही सुप्रीम कोर्ट ने लंबी अवधि से सेवा दे रहे कर्मियों को स्थाई नियुक्ति देने का आदेश दिया है। लेकिन सरकार व शासन की ओर से इस पर भी कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया। इस दौरान प्रमोद गुसाई, मनोज जोशी, मनोज गड़कोटी, पूरन भट्ट, गणेश गोस्वामी, तेजा बिष्ट, विनोद बिष्ट, योगेश भाटिया, अनिल कोटियाल, देवेंद्र रतूड़ी, राकेश जोशी समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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