निजी महाविद्यालयों/संस्थानों के अकादमिक प्रशासकों की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई



नैनीताल l यू0जी0सी0-मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल में को निजी महाविद्यालयों/संस्थानों के अकादमिक प्रशासकों की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
कुलपति कुमाऊँ विश्विद्यालय प्रो0 दीवान सिंह रावत द्वारा दीप प्रज्जवलन कर कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता संस्थान की उन्नति में प्रतिबिम्बित होती है। अतः शिक्षण की गुणवत्ता पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त शिक्षण व मूल्यांकन किसी भी संस्थान की उन्नति के दो महत्वपूर्ण पक्ष हैं जिससे किसी शिक्षण संस्थान की प्रतिष्ठा निर्धारित होती है। उन्होंने कहा कि वे विद्यार्थियों की समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के लिए कृत संकल्प हैं और उन्होंने निजी महाविद्यालयों/संस्थानों के प्राचार्यों का आह्वान करते हुए कहा कि वे भी अपने स्तर से विद्यार्थियों की समस्याओं को शीघ्र दूर करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में बौद्धिक क्षमता के विकास के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। आवश्यकता है कि निजी महाविद्यालय भी अपने संस्थानों में उत्तराखण्ड के समृद्ध इतिहास की पहचान के लिए विभिन्न कार्यक्रम, पुस्तक समीक्षा, महाविद्यालय स्तर पर फोटोग्राफी व मैमेंटो निर्माण आदि क्रियाकलापों के माध्यम से विद्यार्थियों की क्षमता को भी विकसित करने का कार्य प्रारम्भ करें। उन्होंने कहा कि यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत समस्त महाविद्यालय व संस्थान यू0जी0सी0-मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल द्वारा आयोजित किये जाने वाले एनईपी ओरियंटेशन कार्यक्रम में अपने कम से कम 05 शिक्षकों की प्रतिभागिता सुनिश्चित करेंगे।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलसचिव, श्री दिनेश चन्द्रा ने कहा कि सम्बद्ध महाविद्यालयों को 14 दिसम्बर 2016 के शासकीय आदेश के अन्तर्गत अपने संस्थानों/महाविद्यालयों को सुचारू रूप से चलाये जाने के निर्देर्शों का पालन करना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही विश्वविद्यालय अधिनियमों का भी अनुसरण करना आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना विश्वविद्यालय का उददेश्य है और इस दिशा में समस्त महाविद्यालय/संस्थान अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय/संस्थानों के पैनल को समय से कराया जाना आवश्यक होगा और 01 महीने के अन्दर अनिवार्य रूप से पैनल सम्बन्धी कार्य सम्पन्न कर लिये जायें। इसके अतिरिक्त शिक्षकों का अनुमोदन व योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति समय सीमा के अन्तर्गत किया जाना आवश्यक होगा।
परीक्षा नियंत्रक डा0 महेन्द्र राणा ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा और परीक्षाफल से सम्बन्धित मामलों से तेजी से कार्यवाही की जा रही है। विगत दो माह में बड़ी संख्या में त्रुटिरहित परीक्षाफल घोषित किये गये। उन्होंने चिन्ता जताई की कई संस्थानों/महाविद्यालयों द्वारा समय से परीक्षाओं के अंक विश्वविद्यालय को प्रेषित नहीं किये जाते जिससे परीक्षाफल निर्माण होने में अनावश्यक रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस सम्बन्ध में आंतरिक मूल्यांकन के संबन्ध में विश्वविद्यालय द्वारा शीघ्र ही मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जायेगी जिससे कि छात्रों के भविष्य के दृष्टिगत परीक्षाफल समय से घोषित किये जा सकें।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के परीक्षा अनुभाग द्वारा दिनांक 15 से 30 दिसम्बर 2023 तक 15 दिन का समाधान पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य परीक्षा से सम्बन्धित लम्बित मामलों का त्वरित समाधान कर उनका निस्तारण कर लिया जाय। इस हेतु रोस्टर के माध्यम से परीक्षा से सम्बन्धित लम्बित मामले व समस्याओं का समाधान किया जायेगा। 31 दिसम्बर के बाद लम्बित प्रकरणों पर विचार नहीं किया जा सकेगा। अतः समस्त महाविद्यालय व संस्थान अपने महाविद्यालय व संस्थान से सम्बन्धित महाविद्यालय/संस्थान अपने विद्यार्थियों के लम्बित प्रकरणों को विश्वविद्यालय के समक्ष रखना सुनिश्चित करेंगे।
यू0जी0सी0-मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल के सहायक निदेशक डा0 रीतेश साह ने बताया कि विगत शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को यूजीसी-मानव संसाधन विकास केन्द्र का नाम परिवर्तित कर यू0जी0सी0-मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर एनईपी 2020 के अन्तर्गत प्रेरित, ऊर्जावान और सक्षम शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर देता है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों की क्षमता निर्माण के लिए यूजीसी-एचआरडीसी ने अधिक प्रभावी शिक्षण प्रदान करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने में बहुत योगदान दिया है। मालवीय मिशन के माध्यम से दो साल के भीतर एनईपी 2020 के आलोक में उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है। इस हेतु कुमाऊँ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध समस्त महाविद्यालयों/संस्थानों के शिक्षकों को को भी एनईपी ओरियंटेशन कार्यक्रम किया जाना आवश्यक होगा।
इस कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो0 के0के0 पाण्डे, राजकीय महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो0 सुशीला सूद, कम्यूनिटी कालेज के प्राचार्य प्रो0 कुमुद उपाध्याय, डा0 छत्रपाल, डा0 केएस0 राठौर, डा0 रामेश्वर, डा0 ए0के0 सिंह, डा0 एम0के0 पाण्डे, डा0 विवेक उपाध्याय, डा0 एस0के0 त्रिपाठी, भाष्कर चन्द्रा, डा0 मनोज कुमार, डा0 भूपेश चन्द्र पंत, डा0 सूरज पाल, डा0 जे0पी0 गंगवार, डा0 तरूण आदि द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कार्यक्रम के आयोजन में डा0 राजेन्द्र बोरा, जसोद सिंह बिष्ट, इन्द्र सिंह नेगी, अरविन्द सिंह, जितेन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, कैलाश चन्द्र जोशी, नवीन चन्द्र, सौरभ, सूरज, सुमन, संजय तथा अमित आदि द्वारा योगदान दिया गया।
इस कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक डा0 रीतेश साह सहायक निदेशक द्वारा किया गया।

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