05 यूके नेवल यूनिट एनसीसी, नैनीताल द्वारा आयोजित 28 दिवसीय मेनू कैंप का दसवाँ दिन उत्साह, अनुशासन और सामूहिक भावना के साथ सम्पन्न हुआ।

नैनीताल l 05 यूके नेवल यूनिट एनसीसी, नैनीताल द्वारा आयोजित 28 दिवसीय मेनू कैंप का दसवाँ दिन उत्साह, अनुशासन और सामूहिक भावना के साथ सम्पन्न हुआ। आज के प्रशिक्षण सत्र में कैडेट्स ने 25 किलोमीटर की नौकायन यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की, जिससे अब तक कैंप की कुल नौकायन दूरी 290 किलोमीटर तक पहुँच गई है। यह आंकड़ा कैडेट्स के अदम्य साहस, टीमवर्क और कठोर प्रशिक्षण का प्रमाण है।
दिनभर की गतिविधियों में नौकायन, बोट पुलिंग, ड्रिल और शिप मॉडलिंग जैसी तकनीकी एवं व्यावहारिक सत्र शामिल रहे। इन सत्रों का उद्देश्य न केवल कैडेट्स की शारीरिक क्षमता को विकसित करना था, बल्कि उन्हें नेतृत्व कौशल, आपसी तालमेल और समुद्री अनुशासन के व्यावहारिक पहलुओं से भी अवगत कराना था।
कैंप के सफल समापन के अवसर पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता ग्रुप कमांडर मुख्यालय नैनीताल, कमोडोर बी.आर. सिंह ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मेनु कैंप जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम कैडेट्स को आत्मविश्वास, साहस और नेतृत्व की नई ऊँचाइयों तक ले जाते हैं। उन्होंने सभी प्रशिक्षकों और कैडेट्स को उनके समर्पण और मेहनत के लिए बधाई दी।
कमान अधिकारी कैप्टेन मृदुल साह ने कहा कि यह कैंप न केवल कैडेट्स के लिए नौसैनिक प्रशिक्षण का अवसर साबित हुआ, बल्कि टीमवर्क, नेतृत्व और देशभक्ति की भावना को भी प्रबल करने वाला रहा। मेनु कैंप की यह सफलता भविष्य के नेतृत्व निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर कमांडिंग ऑफिसर 79 बटालियन एनसीसी कर्नल आर.सी. कौशिक, एडमिन ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल बी.एस. खंडका तथा कमांडिंग ऑफिसर सैनिक स्कूल घोड़ाखाल, कमांडर अर्चना चौधरी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने कैडेट्स की प्रस्तुतियों, अनुशासन और तकनीकी दक्षता की सराहना की।
कैंप के सर्वश्रेष्ठ कैडेट का सम्मान सीनियर कैडेट कैप्टन निष्ठा जोशी और पीओ कैडेट क्रिश उपाध्याय को प्रदान किया गया, जिन्होंने पूरे कैंप में उत्कृष्ट प्रदर्शन, नेतृत्व क्षमता और अनुशासन का परिचय दिया।
कैंप के संचालन में पीआई स्टाफ के विक्रांत सिंह (चीफ पेट्टी ऑफिसर), रवि कुमार (पेट्टी ऑफिसर), सनी सिंह (पेट्टी ऑफिसर) और सुधीर थलवाल (पेट्टी ऑफिसर) का विशेष योगदान रहा। उनके मार्गदर्शन और प्रशिक्षण ने कैडेट्स को इस उपलब्धि तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।