धनतेरस पर्व की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।कुमाऊंनी लोक संस्कृति पर आधारित -दीपोत्सवआलेख व स्वनिर्मित -बृजमोहन जोशी,। द्वी आंखर दीपोत्सव



नैनीताल l वर्ष १९९६ में पहली बार प्रयोग रुप में मेरे द्वारा मेरी परिकल्पना व निर्देशन में दीपोत्सव का पहली बार मंचन श्री मां नयना देवी मंदिर मल्लीताल नैनीताल के प्रांगण में श्री राम नवमी के शुभ अवसर पर किया गया। हमारे इस अंचल में दीप पर्व से जुड़ी हुई विभिन्न प्रतिकों को चाहे वह कार्तिक मास से जुड़े हो , दीपदान से,आकाश दीप से, अखण्ड दीप से तथा पितृपक्ष में जलने वाले ३६५ दीप ,सेली, कुमाऊंनी लोक चित्रकला ऐपण की चौकियों, रंगोली, १०५ कलश,१०५ श्रीफल, अष्टकमल दल का एक एलिवेशन आदि कि सहायता से दीपोत्सव के प्रतीक रूप का निर्माण किया गया। जिसमें सांझ के समय ११०० दीप प्रज्ज्वलित किये ।
इसी वर्ष १९९६ में व्यापार मंडल मल्लीताल नैनीताल के आमंत्रण पर श्री राम सेवक सभा मल्लीताल नैनीताल के मंच में महालक्ष्मी पूजन के दिन दीपोत्सव का मंचन किया गया। वर्ष १९९७‌ मे नैनीताल में कुमाऊं महोत्सव के शुभ अवसर पर दीपोत्सव का मंचन किया गया। वर्ष १९९८ मे श्री मां नन्दा देवी महोत्सव के शुभ अवसर पर नैनीताल के डी.एस.ए.खेल के मैदान में दीपोत्सव का मंचन किया गया।वर्ष २००० भारतीय हिन्दू नववर्ष चैत्र प्रतिपदा के शुभ अवसर पर श्री मां नयना देवी मंदिर मल्लीताल नैनीताल के प्रांगण में दीपोत्सव का मंचन किया गया वर्ष२००१,२००२, तथा २०१३ में शरदोत्सव व कुमाऊं महोत्सव के शुभ अवसर पर दीपोत्सव का मंचन किया गया।इसके बाद वर्ष २००३ में बाबा भीमराव अम्बेडकर जयंती के शुभ अवसर पर दीपोत्सव का मंचन लखनऊ में किया गया। इस मंचन की कुछ झलकियां छाया चित्रों के माध्यम से आपके साथ सांझा कर रहा हूं।

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