उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपने परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया

नैनीताल l उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अपने परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देना और इसके महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना था। इस आयोजन में माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री गुहनाथन नरेंदर और अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों सहित प्रतिष्ठित न्यायाधीशों की उपस्थिति रही। रक्तदान शिविर का आयोजन उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल के हिस्से के रूप में किया गया। इस आयोजन में न्यायामूर्तिगण, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अधिवक्तागण, अधिकारीगण और उच्च न्यायालय के कर्मचारियों ने उत्साहपूर्ण भागीदारी दिखाई और इस नेक कार्य में योगदान देने के लिए रक्तदान किया।
माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री गुहनाथन नरेंदर ने रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया और आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने रक्तदान के महत्व पर जोर दिया और सभी को इस जीवन रक्षक पहल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
अन्य गणमान्य व्यक्तियों, जिनमें माननीय श्री न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, माननीय श्री न्यायमूर्ति रविंद्र मैथानी, माननीय श्री न्यायमूर्ति अलोक कुमार वर्मा, माननीय श्री न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल, माननीय श्री न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित, माननीय श्री न्यायमूर्ति आशीष नैथानी, माननीय श्री न्यायमूर्ति अलोक माहरा, और माननीय श्री न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय शामिल थे, ने भी अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई।
माननीय श्री न्यायमूर्ति अलोक कुमार वर्मा ने भी रक्तदान किया और अन्य लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित किया। रक्तदान शिविर एक प्रतिष्ठित अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की देखरेख में आयोजित किया गया। शिविर के दौरान कुल 44 यूनिट रक्त एकत्र किया गया, जिसका उपयोग जरूरतमंद मरीजों, विशेष रूप से सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में उपचार करा रहे मरीजों के लाभ के लिए किया जाएगा। उत्तराखंड उच्च न्यायालय सामाजिक कल्याण और सामुदायिक सेवा को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत नियमित रूप से रक्तदान शिविर आयोजित करता रहा है। इस आयोजन की प्रतिभागियों ने व्यापक रूप से सराहना की, जिन्होंने भविष्य में भी ऐसी पहलों का समर्थन जारी रखने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का समापन सायंकाल मे आठवी तक के छात्रों के कला प्रतियोगिता के साथ हुआ ।

यह भी पढ़ें 👉  60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गो को बद्रीनाथ धाम के दर्शन हेतु, द्वितीय दल चार दिवसीय यात्रा में भेजा गया
Advertisement
Ad
Advertisement