कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल स्थित मदन मोहन मालवीय शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र (एमएमटीटीसी) में भारतीय ज्ञान परम्परा आधारित दो राष्ट्रीय स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं
नैनीताल l कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल स्थित मदन मोहन मालवीय शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र (एमएमटीटीसी) में भारतीय ज्ञान परम्परा आधारित दो राष्ट्रीय स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) एवं भारतीय ज्ञान प्रणाली प्रकोष्ठ, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी एमएमटीटीसी कुमाऊँ विश्वविद्यालय को सौंपी गई है। इन कार्यक्रमों के संचालन हेतु वर्तमान में देश के केवल चार विश्वविद्यालयों का चयन किया गया है, जिनमें कुमाऊँ विश्वविद्यालय का शामिल होना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
केंद्र की निदेशक प्रो. दिव्या जोशी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उद्देश्य देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में भारतीय ज्ञान परम्परा को पाठ्यक्रम में प्रभावी रूप से समेकित करने हेतु शिक्षक क्षमता का सुदृढ़ विकास करना है। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल प्रतिभागियों को भारतीय बौद्धिक परम्पराओं की मूल अवधारणाओं से परिचित कराएगी, बल्कि उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराएगी।
यू.जी.सी.–आई.के.एस. प्रकोष्ठ की इस राष्ट्रीय प्रशिक्षण पहल के बारे में जानकारी देते हुए केंद्र के प्रोफेसर रीतेश साह ने कहा कि यह कार्यक्रम भारतीय ज्ञान परम्परा पर आधारित शिक्षण–अधिगम मॉडल, पाठ्यक्रम समेकन के ढाँचे, नवीन शिक्षण उपकरणों तथा श्रेष्ठ शैक्षणिक प्रथाओं को समझने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा। प्रो. साह ने यह भी उल्लेख किया कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम विश्वविद्यालयों को स्वदेशी ज्ञान परम्परा के संरक्षण, संवर्धन एवं शैक्षणिक एकीकरण की दिशा में सशक्त बनाते हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से कुमाऊँ विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय ज्ञान प्रणाली के प्रसार, सुदृढ़ीकरण और शैक्षणिक क्षमता विकास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
कार्यक्रम के अंतर्गत १४ दिसम्बर २०२५ को एक-दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम (ओरिएंटेशन कार्यक्रम) आयोजित होगा, जिसमें यू.जी.सी. द्वारा प्रशिक्षित मास्टर प्रशिक्षक सम्मिलित होंगे। इसके पश्चात १५ से २० दिसम्बर २०२५ तक छः-दिवसीय आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों से ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से चयनित प्रतिभागी (शिक्षक एवं शोधार्थी) भाग लेंगे।









