98वें बलिदान दिवस पर स्वामी श्रद्धानंद को दी श्रद्धांजलि, स्वामी श्रद्धानन्द जी सामाजिक समरसता के अग्रदूत रहे-आचार्य प्रेमपाल शास्त्री, स्वामी श्रद्धानंद ने घर वापसी का मार्ग प्रशस्त किया-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

नई दिल्ली l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी,महान समाज सुधारक,गुरुकुल कांगड़ी के संस्थापक स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती का 98वां बलिदान दिवस आर्य समाज अशोक विहार फेस 1,ब्लॉक एफ,दिल्ली में सोल्लास मनाया गया। वैदिक विद्वान आचार्य प्रेमपाल शास्त्री ने अपने संदेश में कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द जी का जीवन सामाजिक समरसता को समर्पित था।उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार की स्थापना कर पुरातन गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित किया।स्वामी श्रद्धानन्द निर्भीक संन्यासी थे उन्होंने कई मोर्चों पर अंग्रेजी हकूमत से लोहा लिया।उनके जीवन से आज प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।उन्होंने आगे कहा कि सर्वे भवंतु सुखिना की परंपरा से सनातन की रक्षा होगी महिला शिक्षा को आज भुला नहीं सकते अगर समाज में आगे बढ़ना है,स्वामी श्रद्धानंद का बलिदान रंग लाया है जो आज हम स्वतंत्रता से यज्ञादि श्रेष्ठ कार्य कर सकते हैं। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि स्वामी जी ने धर्मांतरित हिन्दुओं का पुन शुद्धिकरण कर घर वापिसी का मार्ग प्रशस्त किया व इसी के लिए बलिदान हो गए। उन्होने महिलाओं की शिक्षा के लिए जालन्धर में महाविद्यालय की स्थापना की।वह सर्वदानी थे,उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना के लिए अपनी कोठी व प्रेस बेचकर अपना सर्वस्व दान कर दिया। आचार्य सतीश शास्त्री के ब्रह्मत्व में यज्ञ सम्पन्न हुआ उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने अमृतसर में कांग्रेस अधिवेशन कर अपनी निर्भीकता का परिचय दिया था। आचार्य गवेंद्र शास्त्री ने कहा कि स्वामी दयानंद जी के प्रवचनों को सुनकर उनके जीवन में बदलाव आया और वे मुंशी राम से स्वामी श्रद्धानन्द बने उन्होंने आर्य समाज को कुशल नेतृत्व प्रदान किया और अनेकों गुरुकुलों की स्थापना की। योगेश वर्मा (पार्षद एवं अध्यक्ष केशवपुरम) ने कहा कि महर्षि दयानंद जी के बाद सबसे अधिक कार्य स्वामी श्रद्धानन्द जी ने संभाला। भाजपा नेता सतीश गर्ग,
डा.महेन्द्र नागपाल (पूर्व विधायक),
आचार्य महेन्द्र भाई,डालेश त्यागी,प्रवीण आर्य (गाजियाबाद) आदि ने भी अपने विचार रखे। गायक प्रवीन आर्या,सुधीर कुमार बंसल,शांति लाल,वीरेन्द्र आहूजा आदि ने मधुर गीत प्रस्तुत किये।
अध्यक्षता आर्य नेता ओम सपरा ने की व
स्वागताध्यक्ष प्रेम सचदेवा जी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।इस अवसर पर मुख्य रूप धर्मपाल आर्य, अरुण र्आर्य,जीवन लाल आर्य,आशा भटनागर,देवेन्द्र भगत,यज्ञवीर चौहान,डा प्रमोद सक्सेना,वेद प्रकाश आर्य,केके सेठी,श्याम पाल शास्त्री,सुरेश आर्य,राज कुमार भंडारी,देवेंद्र गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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