28-29 मार्च की देशव्यापी आम हड़ताल का परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) हल्द्वानी ने किया समर्थन
नैनीताल:::: पछास ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आहूत 28-29 मार्च की आम हड़ताल का समर्थन किया। इस मौके पर बुद्ध पार्क हल्द्वानी में हुई सभा मे पहुँचकर पछास ने हड़ताल का समर्थन किया। यह देशव्यापी हड़ताल श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधनों के विरोध में है साथ ही विनिवेशीकरण, मौद्रीकरण के नाम पर जनता के पैसों से खड़े सरकारी संस्थानों को औने पौने दामों पर कॉरपोरेटों को बेचने का भी विरोध किया जा रहा है।
90 के दशक में जारी निजीकरण-उदारीकरण-वैश्वीकरण की नीतियों का नतीजा है कि सरकारें लगातार मेहनतकश विरोधी होती गयी हैं। 2014 में सत्ता में काबिज होने के बाद से ही मोदी सरकार ने मजदूर-मेहनतकश विरोधी कॉरपोरेट परस्त कदम तेजी से उठाने शुरू कर दिए। आज हर क्षेत्र ऐसा है जहां सरकार ने अम्बानी-अडानी-टाटा सरीखे पूंजीपतियों के लिए रास्ते खोल दिये हैं। जहां-जहां विदेशी पूंजीपतियों के लिये सम्भव लगा वहां-वहां उन्हें भी लूट के लिए आमंत्रित किया गया है।
शिक्षा में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के जरिये शिक्षा को अधिकाधिक कॉरपोरेट के हितों के हिसाब से बदले जाने का प्रारूप बनाया गया है। शिक्षा में भी पहले से ही हो चुके भारी निजीकरण को और बनाने के कदम उठाए जा रहे हैं। बेरोजगारी लगातार भयावह स्तर पर बढ़ रही है। रोजगार की मांग कर रहे युवा जगह-जगह पुलिस की लाठियां खा रहे हैं, जेल जा रहे हैं। स्थाई रोजगार को सपना बना दिया गया है। श्रम कानूनों में ट्रेनी, फिक्स टर्म, अप्रेंटिस के नाम पर छात्रों-युवाओं की मेहनत की लूट किये जाने के कदम उठाए गए हैं।
सरकार के ये कॉरपोरेट परस्त कदम हिन्दू फासीवादी प्रचार की आड़ में समाज की चिंता का विषय नहीं बन रहे हैं। हिन्दू-मुस्लिम की बातों को अलग-अलग तरह से उठाकर जनता को आपस में बांटा जा रहा है।
पछास 28-29 मार्च की आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए सभी छात्रों-नौजवानों के आह्वान करता है। आइए! हम छात्र-नौजवान आज शिक्षा के निजीकरण के विरोध में, स्थाई-सुरक्षित रोजगार के लिए एकजुट हों और मजदूरों के कंधे से कंधा मिलाएं। संघर्ष में उतरकर ही हम बेहतर भविष्य की उम्मीद कर सकते हैं।