श्री राम का नाम ही अनंत

भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या में राजा दशरथ और माता कौशल्या के घर हुआ था। उनका जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था ।
राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाया था। इस यज्ञ के फलस्वरूप राजा दशरथ के घर चार पुत्रों का जन्म हुआ – राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। श्री राम का जन्म कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार राम का 5114 ईसा पूर्व हुआ था।
अन्य शोधकर्ता 7323 ईसा पूर्व को राम की जन्म तिथि तथा कुछ 880100 वर्ष पूर्व मानते हैं।
राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था । राम अनंत और आनंद हैं जो भगवान राम की महिमा और उनके स्वरूप को प्रकट करता है।
श्री राम की अनंतता है राम जो सर्वव्यापी और अनंत माने जाते हैं। राम को अनादि और अनंत कहा जाता है राम सर्वशक्तिमान और सर्वांतर्यामी हैं। राम ही को परब्रह्म का स्वरूप माना जाता है
राम ही आनंदमय और आनंद के सागर हैं- राम का स्मरण शांति और सुख प्रदान करता है।राम की भक्ति प्रेम आनंद का स्रोत है। राम का ध्यान आध्यात्मिक आनंद देता है ।
राम का नाम स्वयं में अनंत , आनंद , मोक्ष दायक , पाप नाशक ,शक्ति का प्रतीक है । राम ,भक्ति मार्ग के स्वामी है ।
राम की भक्ति रामायण तथा राम चरित मानस में प्रस्तुत हुए है । – राम और हनुमान भारतीय संस्कृति में अत्यधिक पूजनीय और महत्वपूर्ण चरित्र हैं।
राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं , राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है।
राम धर्म और कर्तव्य के प्रतीक है तथा हनुमान राम के परम भक्त और सेवक हैं। हनुमान- संकटमोचन , अद्वितीय शक्ति और बल के धनी हैं तथा
हनुमान चालीसा एक प्रसिद्ध स्तोत्र है
राम और हनुमान का संबंध भक्ति और प्रेम पर आधारित है । हनुमान की राम के प्रति अनन्य भक्ति और प्रेम है । राम ही मर्यादा पुरुषोत्तम है क्योंकि उनकी मर्यादा, धर्म और कर्तव्यपरायणता को दर्शाता है। राम ने अपने जीवन में धर्म और मर्यादा का सख्ती से पालन किया, जैसे पिताजी की आज्ञा का पालन करने के लिए वन को गए ।राम को सर्वगुण सम्पन्न और सर्वशक्तिमान माना जाता है, जो उनकी शक्तिशाली और गुणवत्ता को प्रकट करता है।
राम दयालु और करुणामय है, राम लोकरक्षक और धर्म रक्षक है, जिन्होंने रावण का वध करके धर्म की स्थापना की ।काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर (ईर्ष्या), घृणा, द्वेष, अहंकार और भय इन दस बुराइयां मनुष्य को अधर्म और विनाश की ओर ले जाती हैं, और दशहरा का पर्व इन्हीं बुराइयों पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। राम की भक्ति और उनके प्रति भक्त भाव को रामायण और रामचरितमानस में विस्तृत रूप से वर्णित किया गया है।
राम को एक आदर्श जो मानवता को प्रेरित करते है उनका राज्य ही राम राज्य कहलाता है ।
भगवान राम का जीवन हमें धर्म, कर्तव्य और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
भगवान राम के कई नाम हैं जो उनके गुणों और अवतार को दर्शाते हैं जिसमें राम ,मर्यादा पुरुषोत्तम , रघुनाथ ,
रघुवीर* ,सीता राम ,राम चंद्र ,दशरथनंदन , कौशल नंदन
जानकीवल्लभ ,रामभद्र अयोध्यानाथ ,रामेश्वर , विशेषणों से युक्त है तथा
ये नाम भगवान राम की महानता और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रकट करते हैं।
राम की विशेषता बहुत विस्तृत और गहन है। राम आदर्श पुरुष है ।
राम ही राम एक प्रसिद्ध भजन और मंत्र है जो भगवान राम की महिमा और उनके नाम की शक्ति को प्रकट करता है।
राम ही राम के जाप से मोक्षप्राप्ति ,पापमोचन ,शांति और सुख ,आत्मशुद्धि , आत्मा को शुद्ध करता है ।
इसीलिए कहा जाता है
राम ही राम, राम ही राम ।
हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास माने जाते हैं उन्होंने हनुमान के बल तथा राम की भक्ति को बताया है ।
राम की विचारधारा का भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। राम के जीवन और चरित्र से कई महत्वपूर्ण दार्शनिक और नैतिक सिद्धांत निकलते हैं।
राम धर्म , त्याग ,बलिदान ,सत्य न्याय , कर्तव्यपरायणता ,
पितृभक्ति राज धर्म एक आदर्श है ।
रामायण के श्री राम में
,नैतिक मूल्यों ,आदर्श जीवन , रामायण एक आदर्श जीवन का मार्गदर्शक है। उनका जीवन नैतिक मूल्यों , धर्म एवं अधर्म ,मानवता को मार्ग दिखाता है ।
राम की विचारधारा ही भारतीय संस्कृति है सामाजिक मूल्य , आध्यात्मिकता की सीख देता है
दशहरा भगवान श्री राम की विजय का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है।
राम मंत्र बहुत पवित्र और शक्तिशाली माने जाते हैं।
जिसमें
राम राम ,श्री राम जय राम जय जय राम ,
,रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे। रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नमः,
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ,है जो शांति और सुख ,पाप नासक ,मोक्ष प्रदान ,आध्यात्मिक उन्नति ,शुद्धता , सकारात्मक प्रदान करते है । तुलसीदास ,
रामानंद और कबीर ने उनका गुण गान किया । श्री राम अनंत है।सबको विजया दशमी की बधाई एवं शुभ कामनाएं । हे राम
आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम्, लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्.
जय श्री राम , जय सिया राम doctor Lalit Tiwari