कुमाऊँ विश्वविद्यालय के प्रो. साहू को मिला राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी का सर्वोच्च सम्मान

नैनीताल l कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल के रसायन विभाग के प्रख्यात वैज्ञानिक प्रो. नंदा गोपाल साहू को भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंसेज़, इंडिया– नासी) का फ़ेलो चुना गया है। विभाग के इतिहास में यह सम्मान प्राप्त करने वाले वे पहले वैज्ञानिक बने हैं, जो विश्वविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (नासी) भारत की सबसे पुरानी विज्ञान अकादमी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1930 में इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुई थी। यह अकादमी वैज्ञानिक अनुसंधान एवं शिक्षा को प्रोत्साहित करने, विज्ञान और समाज के बीच सेतु का कार्य करने तथा वैज्ञानिकों के उल्लेखनीय योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए फ़ेलोशिप प्रदान करती है। किसी वैज्ञानिक का नासी फ़ेलो चुना जाना उनके उत्कृष्ट अनुसंधान और वैज्ञानिक योगदान का उच्चतम सम्मान है। प्रो. साहू ने कचरा प्रबंधन, दो-आयामी नैनोमैटेरियल्स, ऊर्जा रूपांतरण एवं भंडारण, बायो-सेंसर और ड्रग डिलीवरी जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय शोध किया है। वे अपशिष्ट प्रबंधन के तहत प्लास्टिक कचरे से ग्राफीन और क्रूड ऑयल जैसी उपयोगी सामग्रियों का उत्पादन व तकनीक हस्तांतरण करने वाले कुमाऊँ विश्वविद्यालय के पहले वैज्ञानिक हैं। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर है। उनके नाम पर सैकड़ों शोध प्रकाशन, अनेक अंतरराष्ट्रीय सहयोग परियोजनाएँ दर्ज हैं तथा वे लगातार पिछले छह वर्षों से स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की ‘विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों’ की सूची में शामिल रहे हैं।
इस उपलब्धि पर प्रो. साहू ने कहा कि यह सम्मान कुलपति प्रो. दीवान एस रावत, रसायन विभाग एवं अन्य विभागों के संकाय सदस्यों, परिवार के निरंतर समर्थन और उनके शोध समूह की मेहनत के बिना संभव नहीं थी। उन्होंने इसे पूरे विश्वविद्यालय समुदाय की सामूहिक उपलब्धि बताया।
इस ऐतिहासिक गौरवपूर्ण क्षण पर कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत, कुलसचिव डॉ एम एस मंद्रवाल, डीएसबी परिसर की निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा, विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता प्रो. चित्रा पांडे, छात्र कल्याण संकाय के डीन प्रो. संजय पंत, विश्वविद्यालय विजिटिंग प्रोफेसर डायरेक्टोरेट के डायरेक्टर तथा कुमाऊँ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. ललित तिवारी जन संपर्क अधिकारी डॉ रीतेश साह सहित सभी संकाय सदस्यों ने उन्हें हार्दिक बधाई दी और इसे विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया।

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