ICAR-IVRI, इज्जतनगर, बरेली (केंद्रीय मनित विश्वविद्यालय) के ग्यारहवें दीक्षांत समारोह में प्रोफेसर (डॉ.) प्रदीप कुमार जोशी के उच्च शिक्षा और सार्वजनिक प्रशासन में सुधार के क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय योगदान को मान्यता देते हुए, उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा डॉक्टरेट ऑफ साइंस (Honoris Causa) की उपाधि से 30 जून, 2025 को आयोजित में सम्मानित किया गया।

नैनीताल l प्रोफेसर (डॉ.) प्रदीप कुमार जोशी एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और प्रशासक हैं, जो वर्तमान में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के मानद अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। यह एजेंसी शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत कार्य करती है। प्रो. जोशी सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (सीएयू), इंफाल, मणिपुर, और प्राग्ज्योतिषपुर विश्वविद्यालय, गुवाहाटी, असम के कुलाधिपति भी हैं। चार दशकों से अधिक लंबे और विशिष्ट करियर के दौरान, प्रो. जोशी ने उच्च शिक्षा, शैक्षिक सुधारों, और सार्वजनिक सेवा में उत्कृष्ट योगदान दिया है। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष के रूप में अगस्त 2020 से अप्रैल 2022 तक कार्य किया। वे मई 2015 से आयोग के सदस्य के रूप में भी कार्यरत रहे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष के रूप में भी सेवा दी है। प्रो. जोशी एक अनुभवी शैक्षिक प्रशासक हैं। वे पहले राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (NIEPA) के निदेशक रहे हैं, जिसे अब राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (NUEPA) के नाम से जाना जाता है। उन्होंने वर्ष 1981 में कानपुर विश्वविद्यालय से वाणिज्य में पीएच.डी. प्राप्त की थी और उन्हें 28 वर्षों का शिक्षण और प्रशासनिक अनुभव प्राप्त है। उन्होंने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.) में प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष और वाणिज्य संकाय के डीन के रूप में कार्य किया है। इससे पहले, उन्होंने रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली कॉलेज, उत्तर प्रदेश में भी अध्यापन किया है। उनके विशेषज्ञता क्षेत्र हैं — वित्तीय प्रबंधन, कराधान, ग्रामीण विकास, और सार्वजनिक क्षेत्र प्रशासन। प्रोफेसर जोशी ने 19 पीएच.डी. शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया है, 24 से अधिक शोध प्रबंधों (डिसर्टेशन) का पर्यवेक्षण किया है, और उन्होंने अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने बेल्जियम, हॉलैंड, इंग्लैंड, जापान और नेपाल जैसे कई देशों का शैक्षणिक उद्देश्यों हेतु भ्रमण किया है।उन्होंने अनेक उच्चस्तरीय समितियों में भी भाग लिया है, जिनमें शामिल हैं: शिक्षा पर केंद्रीय सलाहकार बोर्ड (CABE), शिक्षा सुधारों के लिए संचालन समिति (Steering Committee for Education Reforms), सर्व शिक्षा अभियान (SSA) के लिए राष्ट्रीय संसाधन समूह (National Resource Group) इसके अतिरिक्त, उन्होंने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग सुधार समिति की अध्यक्षता भी की है और राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार (President’s Award to Teachers) 2022 के लिए राष्ट्रीय स्तर की निर्णायक समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं। प्रो. जोशी का विशिष्ट करियर शैक्षणिक उत्कृष्टता, शैक्षिक योजना और प्रशासनिक सुधारों का संगम है, जिससे उन्होंने भारत की शिक्षा प्रणाली और सिविल सेवा ढांचे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।प्रॉफ (डाo) प्रदीप कुमार जोशी को डॉक्टरेट ऑफ साइंस (Honoris Causa) की उपाधि मिलने पर कूटा ने हर्ष व्यक्त किया है तथा अध्यक्ष प्रॉफ ललित तिवारी तथा। महासचिव डॉ विजय कुमार ने कूटा परिवार की तरफ से बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। ICAR-IVRI, इज्जतनगर, बरेली (केंद्रीय मनित विश्वविद्यालय) के ग्यारहवें दीक्षांत समारोह में प्रोफेसर (डॉ.) प्रदीप कुमार जोशी के उच्च शिक्षा और सार्वजनिक प्रशासन में सुधार के क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय योगदान को मान्यता देते हुए, उन्हें महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा डॉक्टरेट ऑफ साइंस (Honoris Causa) की उपाधि से 30 जून, 2025 को आयोजित में सम्मानित किया गया। प्रोफेसर (डॉ.) प्रदीप कुमार जोशी एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और प्रशासक हैं, जो वर्तमान में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के मानद अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। यह एजेंसी शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत कार्य करती है। प्रो. जोशी सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (सीएयू), इंफाल, मणिपुर, और प्राग्ज्योतिषपुर विश्वविद्यालय, गुवाहाटी, असम के कुलाधिपति भी हैं। चार दशकों से अधिक लंबे और विशिष्ट करियर के दौरान, प्रो. जोशी ने उच्च शिक्षा, शैक्षिक सुधारों, और सार्वजनिक सेवा में उत्कृष्ट योगदान दिया है। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष के रूप में अगस्त 2020 से अप्रैल 2022 तक कार्य किया। वे मई 2015 से आयोग के सदस्य के रूप में भी कार्यरत रहे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष के रूप में भी सेवा दी है। प्रो. जोशी एक अनुभवी शैक्षिक प्रशासक हैं। वे पहले राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (NIEPA) के निदेशक रहे हैं, जिसे अब राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (NUEPA) के नाम से जाना जाता है। उन्होंने वर्ष 1981 में कानपुर विश्वविद्यालय से वाणिज्य में पीएच.डी. प्राप्त की थी और उन्हें 28 वर्षों का शिक्षण और प्रशासनिक अनुभव प्राप्त है। उन्होंने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.) में प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष और वाणिज्य संकाय के डीन के रूप में कार्य किया है। इससे पहले, उन्होंने रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली कॉलेज, उत्तर प्रदेश में भी अध्यापन किया है। उनके विशेषज्ञता क्षेत्र हैं — वित्तीय प्रबंधन, कराधान, ग्रामीण विकास, और सार्वजनिक क्षेत्र प्रशासन। प्रोफेसर जोशी ने 19 पीएच.डी. शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया है, 24 से अधिक शोध प्रबंधों (डिसर्टेशन) का पर्यवेक्षण किया है, और उन्होंने अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने बेल्जियम, हॉलैंड, इंग्लैंड, जापान और नेपाल जैसे कई देशों का शैक्षणिक उद्देश्यों हेतु भ्रमण किया है। उन्होंने अनेक उच्चस्तरीय समितियों में भी भाग लिया है, जिनमें शामिल हैं: शिक्षा पर केंद्रीय सलाहकार बोर्ड (CABE), शिक्षा सुधारों के लिए संचालन समिति (Steering Committee for Education Reforms), सर्व शिक्षा अभियान (SSA) के लिए राष्ट्रीय संसाधन समूह (National Resource Group) इसके अतिरिक्त, उन्होंने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग सुधार समिति की अध्यक्षता भी की है और राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार (President’s Award to Teachers) 2022 के लिए राष्ट्रीय स्तर की निर्णायक समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं। प्रो. जोशी का विशिष्ट करियर शैक्षणिक उत्कृष्टता, शैक्षिक योजना और प्रशासनिक सुधारों का संगम है, जिससे उन्होंने भारत की शिक्षा प्रणाली और सिविल सेवा ढांचे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रॉफ (डाo) प्रदीप कुमार जोशी को डॉक्टरेट ऑफ साइंस (Honoris Causa) की उपाधि मिलने पर कूटा ने हर्ष व्यक्त किया है तथा अध्यक्ष प्रॉफ ललित तिवारी तथा। महासचिव डॉ विजय कुमार ने कूटा परिवार की तरफ से बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।