त्रिदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय आर्य वेबिनार का भव्य शुभारंभ, नारी राष्ट्र की उन्नति का आधार है -आर्यवती बुलाकी माँरीशस, महर्षि दयानन्द ने महिलाओं को अधिकार दिये -विमलेश बंसल
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गाजियाबाद l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के 47वें वार्षिकोत्सव पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य के सानिध्य में त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय आर्य महा वेबिनार का आयोजन किया गया।करोना काल से 690 वाँ वेबिनार था l कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक विद्वान आचार्य अखिलेशवर (हरिद्वार) ने यज्ञ से किया उन्होंने कहा कि वैदिक संस्कृति पुरातन व सर्वश्रेष्ठ है। द्वितीय सत्र में “अंतरराष्ट्रीय आर्य महिला सम्मेलन” का आयोजन किया गया 1मुख्य वक्ता आचार्य विमलेश बंसल ने नारी सशक्तिकरण पर जोर देते हुए सभी को स्वामी दयानंद जी के पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित किया तथा नारियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।उन्होंने कहा कि आर्य समाज ने बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों को बंद किया और विधवाओं को पुनर्विवाह के अधिकार दिऐ। मुख्य अतिथि मॉरीशस से वैदिक विदुषी आर्य वती बुलौकी ने बताया की नारियों के अंदर प्रबल शक्ति है उन शक्तियों का प्रयोग कर नारी अपने परिवार,अपने राष्ट्र,अपने धर्म के प्रति आगे बढ़कर कार्य करने को प्रोत्साहित होती है।उन्होंने स्वामी दयानंद जी का भी धन्यवाद करते हुए उन्हें नमन किया।उन्होंने अपने विचारों में सब को बताया कि नारी नर हृदय की आशा है,नारी को कंधे से कंधा मिलाकर चलना है तभी राष्ट्र की उन्नति हो सकती है इसलिए नारी तू आत्मनिरीक्षण कर और सबको आर्य बना। प्रो.करुणा चांदना ने बताया कि आर्य समाज ही एक ऐसी संस्था है जहां पर नर और नारी सभी को समान रूप से सम्मान प्राप्त होता है।नारी शक्ति की देवी है,नारी तू आगे बढ़।उन्होंने आगे कहा कि यदि नारी स्वस्थ है तो पूरा परिवार स्वस्थ और निरोगी रह सकता है।बिमला आहूजा ने अपने सुंदर विचारों द्वारा स्वामी जी का धन्यवाद किया और नारियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। आर्य नेत्री रजनी गर्ग
ने स्वामी दयानंद जी की विचारधारा को वेदों के चार स्तंभ के आधार पर रखते हुए बताया कि समानता, वसुदेव कुटुंबकम, किसी भी कार्य का प्रमाण रूप और धर्म के वास्तविक स्वरूप इन विचारों को अपनाएं।उन्होंने बताया कि धर्म के लक्षणों को जीवन में उतार कर हमें आगे बढ़ना होगा।नारी को अपने बच्चों को गर्भ से ही अच्छे संस्कार देना प्रारंभ कर देना चाहिए। कार्यक्रम संचालक श्रुति सेतिया ने नारियों को आगे बढ़ने की दिशा में प्रेरणा देते हुए अपने सुंदर विचार रखें तथा एक प्रेरणादाई कविता भी सुनाई। इस अवसर पर सुनीता बुग्गा,चन्द्र कांता आर्य, द्रौपदी तनेजा, कृष्णा मुखी
ने भी अपने विचार रखे। गायिका पिंकी आर्य,कृष्णा गाँधी, रचना वर्मा वर्मा, जनक अरोड़ा, प्रतिभा कटारिया, रचना वर्मा, सुनीता बुग्गा ने मधुर भजनों के द्वारा सभी का मन मोह लिया।श्रुति सेतिया ने नारियों को आगे बढ़ने और समाज को जागृत रहने की दिशा में अपने विचार रखें ।कुसुम भण्डारी द्वारा शांति पाठ के साथ कार्यक्रम संपन्न कराया गया।केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य व प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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