नैनीताल की घटना पर राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. उर्मिला जोशी ने दुख और चिंता जताई है

नैनीताल l नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को लेकर प्रदेशभर में आक्रोश देखने को मिल रहा है। इस दौरान हर कोई आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग उठा रहा है। इस घटना पर राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. उर्मिला जोशी ने दुख और चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि जो अमानवीय और जघन्य अपराध नैनीताल में हुआ, उसने न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश की अंतरात्मा को झंकझोर दिया है। एक मासूम के साथ हुआ यह कृत्य हमारे समाज के लिए एक गहरा कलंक है। उन्होंने कहा कि घटना सामने आने के बाद हर माता-पिता, हर बेटी, हर जागरूक नागरिक के मन में डर चिंता और आक्रोश है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को हमेशा महिलाओं और बच्चियों के लिए सबसे सुरक्षित, शांत और सभ्य राज्य के रूप में जाना जाता रहा है, लेकिन ऐसी घटनाएं हमें मजबूर करती हैं कि हम अपने समाज, अपनी व्यवस्थाओं और अपने सामूहिक दायित्वों को नए सिरे से सोचें और सुधारें। यह घटना न केवल एक बच्ची के जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि पूरे समाज के विश्वास और सुरक्षा की भावना को भी चोट पहुँचाती है। उन्होंने कहा कि आज हमारी सबसे बडी प्राथमिकता है कि पीड़िता को न्याय दिलाया जाए और ऐसे अपराधियों को कडी से कडी सजा दिलवायी जाए, ताकि कोई भी व्यक्ति चाहे उसकी पृष्ठभूमि, उम्र या पहुंच कुछ भी हो, दोबारा ऐसी घिनौनी हरकत करने की हिम्मत न कर सके। यह भी जरूरी है कि हम समाज में छुपे उन आपराधिक तत्वों को पहचानें जो अपने पद, उम्र या सामाजिक स्थिति का दुरुपयोग करते हुए मासूमों को शिकार बनाते हैं। ऐसे लोगों के लिए समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की ओर से पीड़िता और उसके परिवार को भरोसा दिलाती हैं कि सरकार उनके साथ हर कदम पर खड़ी है। उनकी चिकित्सा, मानसिक और कानूनी सहायता के लिए हर संभव संसाधन तुरंत उपलब्ध कराए जा रहे हैं। हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे मामलों में न्याय की प्रक्रिया तेज़ हो और पीड़ित परिवार को बार-बार परेशान न होना पडे। यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि हमारी कानून-व्यवस्था को और अधिक मजबूत और संवेदनशील बनाने की जरूरत है। पुलिस की गश्त, महिला हेल्पलाइन की सक्रियता और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में निगरानी को और सशक्त किया जाना चाहिए। विशेषकर ऐसे मामलों में जहां आरोपी ने अपने पद, उम्र और सामाजिक स्थिति का दुरुपयोग किया है। प्रशासन को पूरी सख्ती से कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह प्रशासन से मांग करती हैं कि ऐसे अपराधी का ठेकेदारी लाइसेंस तुरंत रद्द किया जाए, उसकी संपत्ति की जांच हो और अगर वह किसी सरकारी योजना से जुडा है तो उसका नाम तुरंत काली सूची में डाला जाए। ऐसे लोगों के लिए समाज में एक पल के लिए भी जगह नहीं होनी चाहिए। कहा कि पहाडों की शांति और सद्भावना को बिगाडने वाले तत्वों के लिए इस राज्य में कोई जगह नहीं है। ऐसे लोग जो समाज के विश्वास को तोडते हैं, जो कानून और मानवता के दुश्मन हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने लोगों से आहवान किया कि कि एकजुट होकर ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज़ उठाएं।