तंग दायरों की तोड़ दीवार असीम की और हो विस्तार
हल्द्वानी l आज जहां एक ओर देश और दुनिया में समाज हर प्रकार से संकीर्णता और तंगदिली के दायरों में बँटा हुआ है। वहीं दूसरी ओर संत निरंकारी मिशन इन दीवारों को गिराकर विस्तार की ओर प्रेरित करने का प्रयास कर रहा है। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन सानिध्य में महाराष्ट्र का 58 वां वार्षिक निरंकारी संत समागम 24 से 26 जनवरी 2025 को पिंपरी पुणे में आयोजित हो रहा है जिसमें ‘विस्तार असीम की ओर’ विषय के आधार पर आध्यात्मिक मंथन का दिव्य रूप सजेगा।
लगभग 300 एकड़ क्षेत्र में सजने वाले भक्ति के इस महायज्ञ में देश और विदेशों से जहां लाखों श्रद्धालु भक्त और गणमान्य नागरिक सम्मिलित होंगे। वहीं इस निरंकारी संत समागम का सीधा प्रसारण भी पूरे विश्व में कई धर्म प्रेमी देखा पाएंगे। निरंकारी संत समागम की व्यवस्था मिशन के सेवादारों द्वारा बहुत ही मर्यादित एवं सुनियोजित रूप से 24 जनवरी से शुरू होकर निरंतर जारी हैं। संत निरंकारी मिशन समागम चैयरमैन श्री शम्भुनाथ तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य, सुरक्षा, यातायात, कैंटीन, सहायता, पार्किंग, स्वच्छता और अन्य मूलभूत सेवाओं को निभाने के लिए संत निरंकारी सेवादल के लगभग 14 हजार सदस्य समर्पित भावना से जुटे रहेंगे। संत समागम के तीनो दिन दोपहर 2:00 बजे से रात 8:30 बजे तक मुख्य कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें अनेक विद्वान अपने भाव व्यक्त करेंगे और अनेक समर्पित संगीतज्ञों के माध्यम से भक्ति भाव की छटा बिखरेंगे जिसमे हर वर्ष आयु वर्ग के अनेक भाषा-भाषी शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी एक रूहानी कवि दरबार समागम का विशेष आकर्षण बना रहेगा। सत्संग के अंत में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के प्रेरक प्रवचनों से सभी श्रद्धालु लाभान्वित होंगे। निरंकारी मिशन के संत कलाकारों द्वारा एक अनूठी प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है, जहां मिशन के इतिहास, दर्शन, आध्यात्मिक और सामाजिक गतिविधियों का मनोरम चित्रण किया गया है। मिशन द्वारा प्रकाशित सभी पत्रिकाएं और पुस्तकें भी समागम में उपलब्ध होंगी। इस विशाल संत समागम के आयोजन में महाराष्ट्र राज्य की व्यवस्था से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों का भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहेगा। मानव मन की सोच और दृष्टि को ज्ञान और विचार के आधार पर विस्तार प्रदान करने वाले इस संत समागम में आप सभी का स्वागत है।