उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बरसात के दौरान बाढ़ प्रभावित अति संवेनदशील इलाकों में बाढ़,जल भराव से निपटने के लिए सोमवार को राज्य के पांच जिलों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया

नैनीताल l उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बरसात के दौरान बाढ़ प्रभावित अति संवेनदशील इलाकों में बाढ़,जल भराव से निपटने के लिए सोमवार को राज्य के पांच जिलों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉक ड्रिल नैनीताल, चंपावत, यूएसनगर, हरिद्वार और देहरादून में आयोजित की गई। मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य संभावित बाढ़ की स्थितियों से निपटने, मुकाबला करने, साथ ही ड्रिल के दौरान हुई कमियों को दूर करने और बेहतर राहत बचाव करने का रहा। सोमवार को आयोजित मॉक ड्रिल की समीक्षा आपदा प्रबंधन विभाग सचिव विनोद कुमार सुमन द्वारा वीसी के माध्यम से की गई। इसी क्रम में नैनीताल जिले में बाढ़ एवं जल भराव मॉक ड्रिल अभ्यास जिला मुख्यालय डीईओसी में जिलाधिकारी व रिस्पांसबल ऑफिसर वंदना के नेतृत्व में तहसील हल्द्वानी एवं तहसील रामनगर के कुल 5 क्षेत्रों में सम्पन्न हुई। मॉक ड्रिल में इन पांचों स्थानों पर अलग-अलग सिनेरियो क्रिएट किए गए।
जनपद में चयनित सभी 5 इंसीडेंट साइटों में बाढ़ एवं जल भराव पूर्वाभ्यास राहत अभियान बेहतर तरीके से किया गया। जिसमें सभी विभागों,सुरक्षा एजेंसियों आदि ने आपसी समन्वय कर मॉक ड्रिल को बेहतर और सुरक्षा के साथ सम्पन्न किया। पांचोंक्षेत्रों हेतु आपदाप्रबंधन विभाग की ओर से ऑब्जर्वर भी नियुक्त किए गए थे।जिले में मॉकड्रिल तहसील हल्द्वानी अंतर्गत देवखड़ी नाला में अतिवृष्टि से सूखे नाले में अचानक जल स्तर व पानी का वेग बढ़ने से उत्पन्न की स्थिति, चोरगलिया अन्तर्गत सूर्यानाला में भारी बारिश के दौरान नंधौर जलागम क्षेत्रान्तर्गत अचानक जल स्तर व पानी का वेग बढ़ने, रेलवे क्रांसिग के पास का क्षेत्र, लालकुआं में बारिश के चलते सार्वजनिक स्थान बाजार में जल भराव की स्थिति, रामनगर स्थित वन क्षेत्र से लगा पम्मापुरी क्षेत्र में पहाड़ी क्षेत्रों में अतिवृष्टि से रिहायशी क्षेत्रों से लगे नाले में जलस्तर बढ़ने से निकटवर्ती आवासों को खतरा तथा रामनगर स्थित ग्राम चुकम में पहाड़ी क्षेत्रों में हुई भारी बारिश से कोसी नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने से नदी के किनारे चुकम गांव में बाढ़ का खतरा बन गया था जिसकी सूचना जिला आपदा नियंत्रण कक्ष को प्राप्त हुई, सूचना के तत्काल बाद इन सभी पांचो स्थानों में मॉक ड्रिल के माध्यम से राहत एवं बचाव कार्यों को कराया गया। इस हेतु सभी घटना स्थलों के लिए स्टेजिंग एरिया भी बनाए गए थे।जिसमें देवखड़ी नाला,लालकुआं रेलवे क्रासिंग क्षेत्र और चोरगलिया -सूर्यानाला क्षेत्र का स्टेजिंग एरिया तहसील परिसर हल्द्वानी को बनाया गया था, इसके अतिरिक्त तहसील रामनगर के दो क्षेत्रों पम्मापुरी क्षेत्र के लिए स्टेजिंग एरिया पीएनजीपी डिग्री कालेज रामनगर तथा तहसील रामनगर-चुकम गांव का स्टेर्जिंग एरिया जीआईसी मोहान रहा, जहाँ से राहत एवं बचाव कार्य हेतु टीम रवाना की गई। मॉकड्रिल में राजस्व, पुलिस, एसडीआरएफ,एसएसबी, एनडीआरएफ, स्वास्थ्य आदि विभाग सम्मिलित रहे।
स्टेर्जिंग एरिया हल्द्वानी हेतु उप जिलाधिकारी हल्द्वानी राहुल साह तथा रामनगर हेतु उप जिलाधिकारी प्रमोद कुमार स्टेर्जिंग कमांडर नियुक्त थे।
मॉक ड्रिल समाप्ति के उपरांत डी ब्रीफिंग में नियुक्त ऑब्जर्वर द्वारा विस्तार से मॉक ड्रिल के बारे में जानकारी दी व अनुभव साँझा किए। आब्जर्वर एनडीआरएफ त्रिपेन सिंह ने बताया कि मॉक ड्रिल बेहतर रही विभागों के मध्य बेहतर समन्वय रहा इस दौरान कुछ कमियां भी देखने को मिली, जिसमें मॉक ड्रिल में ड्रोन की व्यवस्था, रेस्क्यू के दौरान औजारों का डिस्प्ले न होना, वैकल्पिक व्यवस्था, सेटेलाइट फोन,छोटे वाहनों की अनुपलब्धता, टीमों के ड्रेस कोड और सुरक्षा कवच आदि न होने तथा भविष्य में उक्त कमियों को दूर करने की बात कही।
इस दौरान नैनीताल एनआईसी से जिलाधिकारी वंदना, एसएसपी पीएन मीणा, सीडीओ अनामिका, एडीएम विवेक राय, एसपी डा. जगदीश चंद्र, डीडीओ गोपाल गिरी गोस्वामी, कमल सिंह मेहरा, आब्जर्वर अपर जिलाधिकारी वित्त शैलेंद्र सिंह नेगी, राम सिंह बोरा, मनीषा मारकाना, संतोष सहित रामनगर व हल्द्वानी से उप जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी जुड़े।

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