विश्व हिंदू परिषद का तीन दिवसीय बैठक शुरू

नैनीताल l विश्व हिन्दू परिषद मालवा प्रान्त की 3 दिवसीय बैठक का शुभारंभ प्रेमराज मैरेज गार्डन में हुआ। उद्धाटन सत्र के मंच पर पंचकुइया के महंत श्री रामगोपलदास जी महाराज, विहिप के केंद्रीय संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे, क्षेत्र गौरक्षा प्रमुख सोहन विश्वकर्मा, प्रान्त उपाध्यक्ष मुकेश जैन, महेश गोठी, माला दीदी, एवं प्रान्त मंत्री विनोद शर्मा रहे।
उद्घाटन सत्र में कार्यकर्तों को विनायक राव ने कहा कि हम सब ही हिन्दू हैं, तत्वज्ञान एव जीवनपद्धति से देखा जाय तो हिन्दू धर्म ही श्रेष्ठ है,
विश्व के बड़े बड़े विद्वानों ने भी माना है कि सबसे श्रेष्ठ ज्ञान भारत मे ही है, मुगल शाशन काल मे संतो द्वारा भक्ति परम्परा के माध्यम से धर्म की रक्षा हुई।
विभिन्न सदियों में अलग-अलग समय पर हमारे महापुरुषों ने धर्म की रक्षा की है, पर अलग- अलग समय पर प्रयास होने के कारण जैसी सफलता मिलनी चाहिए थी वैसी नही मिली।
एक साथ एक समय पर पूरे देश भर में जागरण हो इसके लिए विहिप है, जब तक सामान्य व्यक्ति जाग्रत नही होगा तब तक राष्ट्र का जागरण नही हो सकता।

1965 से 1976 तक अमेरिका वियतनाम युद्ध मे वियतनाम जीता उसका कारण वियतनाम के प्रत्येक घर से लड़ने वाले व्यक्ति का होना था।
श्रीराम जन्मभूमि के आंदोलन के समय भी हर हिन्दू के जाग्रत होने के परिणाम स्वरूप ही आज श्रीराम मन्दिर का निर्माण हो रहा है।
शिला पूजन के समय भी 2.5 लाख घरों से 6 करोड़ लोगों ने शिला पूजन किया था।
1947 में धर्म के आधार पर विभाजन के बाद भी मुस्लिमो की बड़ी आबादी भारत मे ही रह गई।

हमारे देश के तत्कालीन सेकुलर नेतृत्व के कारण शेष भारत में आज भी हिन्दू धर्म के लोग प्रताड़ित ही है, आज भी देश मे गौ हत्या हो रही है, लव जिहाद हो रहा है, मन्दिर सुरक्षित नही हैं।

आजादी के बाद राजनैतिक कारणों से जातिवाद और भाषावाद को चुनावी मुद्दा बनाया गया, जिसके कारण आज भी संघर्ष होता है।
सेकुलर सरकार होने के कारण ही विदेशों में बसे हिन्दू समाज की चिंता करने वाला कोई नही था।
देश और विदेश के हिन्दू की धर्म संस्कृति की रक्षा हेतु ही विहिप की स्थापना हुई है।
भारत के वे सभी मत-पंथ जिनका उदय भारत मे हुआ है उनको मानने वाले सभी हिन्दू ही हैं।

जहाँ विहिप का काम कम है वहीं जातिवाद सामाजिक समस्या अधिक है।
वर्तमान में परिवार व्यवस्था आघात हो रहे है, वृद्धाश्रम बढ़ रहे हैं।
लिवइन, विवाहित महिला का अन्य पुरुष के साथ रहना, समलेंगिकता जैसे विषय समाज के लिए घातक हैं, कोर्ट द्वारा भी इस प्रकार के विषयों की अनुमति देना संस्क्रति के लिए नुकसानदायक है।

हिन्दू समाज को वैचारिक रूप से मजबूत करने के लिए ही विहिप है।
विहिप का धेय वाक्य है,
हिन्दू सोदरः सर्वे, न हिन्दू पतितो भवेत।
मम दीक्षा हिन्दू रक्षा, मम मंत्र समानता।

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