प्राकृतिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित और संरक्षित करने का काम शुरू, स्प्रिंग्स हैंड एंड रिवर रिजुवेनेशन एजेंसी (सारा) के तहत किये जा रहे हैं कार्य

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नैनीताल l महिपाल बिष्ट
पहाड़ की संस्कृति और परंपरा में रचे-बसे नौले-धारों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने के लिए एकीकृत एजेंसी स्प्रिंगशेड एंड रिवर रिजुवेनेशन एजेंसी (सारा) का गठन किया गया है।
सारा योजना के तहत नौले-धारों के उद्धार पर काम करने वाले विभिन्न विभाग एक साथ काम कर रहे हैं।ज़िले के क्षेत्रों में अनेको छोटे बढ़े जलस्रोत हैं।साथ ही कई नौले-धारे हैं लेकिन इन जलस्रोतों और नॉले-धारों की देखरेख और संरक्षण न होने के कारण और कई जलस्रोतों जल स्रोत सूख चुके हैं।जो भविष्य के लिए बड़ी चिंता का विषय है। इन्हें पुनर्जीवित करने के लिए सारा के गठन के बाद इसमें वन विभाग, सिंचाई विभाग,कृषि विभाग, ऐरीगेशन और ज़िला पंचायत मिलकर कार्य कर रहे हैं।
जिसमें विभागो की ओर से सभी नौले-धारों के साथ संवेदनशील जल स्रोतों का चिन्हीकरण, चेकडैम का निर्माण, वर्षा जल संरक्षण के लिए पौधों का रोपण, चाल-खाल, खंतियो और अमृत सरोवर का निर्माण जैसे कार्य किए जा रहे हैं। विभागो को अभी कोई बजट नहीं दिया गया है। शासन स्तर से ज़िला स्तरीय कमेटी गठित होने के बाद विभाग प्रस्ताव तैयार करेंगे जिसके बाद विभाग को सारा योजना के कार्यों के लिए बजट दिया जाएगा। वर्तमान में सिंचाई विभाग की ओर से पतलिया, कालाढूंगी, कोटाबाग, नाथूनगर में चैक डैम बनाने का काम किया जा रहा है। साथ ही जल संस्थान की ओर से भी धारी ब्लॉक में चाल खाल और खंतियों का काम चल रहा है। विभाग की ओर से लगभग पॉंच जगहों पर चैक डैम बनाने का काम किया जा रहा है।
अनिल कुमार वर्मा अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग
विभाग की ओर से धारी क्षेत्र में जलस्रोतों को संरक्षण के लिए चाल खाल का काम किया जा रहा है।
विपिन कुमार चौहान अधिशासी अभियंता जल संस्थान

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