नगर की सार्वजनिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करने वाले सीनियर एडवोकेट, डीडी रूबाली जी नहीं रहे:::::::: भावभीनी श्रद्धांजलि डॉ. नारायण सिंह जंतवाल के भाव

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नैनीताल::: वरिष्ठ अधिवक्ता डीडी रुबाली के देहावसान की खबर अत्यंत दुखदायी होने के साथ ही अप्रत्याशित भी रही, उनकी जीवनचर्या ब्यवस्था व नियमित थी, उम्र के लिहाज से वे काफी स्वस्थ्य थे।
वरिष्ठ अधिवक्ता के तौर पर सभी उनका सम्मान करते थे, उनका व्यवहार सभी के प्रति स्नेह से भरपूर था,
अधिवक्ता से अधिक वह समाज के लिए कार्य करने वाले व्यक्ति थे, छात्र जीवन से ही उनसे नजदीकी परिचय रहा उस दौर में प्रताप भय्या जी की अगुवाई में डी डी रूबाली, देवसिंह मेर, नन्द प्रसाद , महेश पाण्डे, मोहन सिंह , गोविन्द सिंह सहित बहुत से अधिवक्ताओं व अन्य लोगों की एक बहुत ही सशक्त टीम थी जो सामाज के विभिन्न मुद्दो को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाते, जनमत तैयार कर उचित स्तर पर पहुँचाते।
रूबाली इन कार्यक्रमों के साथ ही सार्वजनिक समारोहों, कार्यक्रमों में अत्यंत उत्साह से भागीदारी करते, अन्य लोगों को भी प्रेरित करते रहे, जब इन कार्यक्रमों में भागीदारी बहुत कम हो गयी तब भी वह कोविड काल से पूर्व तक पूरी शिद्दत से नेतृत्व करते रहे, जून के दूसरे शनिवार व रविवार को नैनीताल में आयोजित होने वाली अखिल भारतीय विधि विचार गोष्ठी,जो उस दौर में अपना विशिष्ट स्थान बना चुकी थी, जिसमें न्यायविद, संविधान वेत्ता, अधिवक्ता व अन्य तबकों के लोग भी भागीदारी करते, इस बड़े आयोजन की तैयारी समिति की प्रथम बैठक रूबालीजी के तल्लीताल स्थित आवास पर ही होती थी! वे नियमों के मुताबिक ही विचार गोष्ठी में अपना लिखित आलेख पढते थे, जिसकी प्रशंसा भय्या जी सहित सभी लोग करते रहे।
आचार्य नरेन्द्रदेव शिक्षा निधि के साथ भी उनका गहरा लगाव रहा विशेष कर भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय की गतिविधियों में सक्रियता से अन्तिम समय तक जुड़े रहे! प्रताप भय्या जी से उनकी घनिष्ठता शायद एक ही क्षेत्र के रहने से प्रारंभ हुई होगी जो कार्य व्यवहार में एकरूपता के कारण घनिष्ठ होती चली गई।
अपने दल के प्रति निष्ठावान रहे, परन्तु अपने लिए शायद ही कोई अपेक्षा की हो! उनकी खासियत यह थी कि वह ब्यक्ति हो, कोई संगठन हो , किसी गतिविधि को गलत समझने पर तर्क संगत लोकतांत्रिक आलोचना से भी नहीं चुकते थे।
दलीय दायरे से बाहर हमारी सदैव हौसला अफ़ज़ाई करते रहे, उनके साथ बिताया गया समय हमेशा याद रहेगा। आज उनके देहावसान से नैनीताल ने एक बहुत ही सजग व सार्वजनिक जीवन के लिए समर्पित सक्रिय व्यक्तित्व को खो दिया जिनकी कमी नैनीताल हमेशा महसूस करेगा।
प्रभु उनकी पावन आत्मा को चिर शान्ति प्रदान करैं ,परिजनों को इस दारण दुख की घड़ी में सम्बल प्रदान करैं!
ऊँ शान्ति शान्ति शान्ति!
हम सबकी ओर से अन्तिम सलाम!

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