“राष्ट्रोंत्थान में आर्य समाज की भूमिका ” गोष्ठी संपन्न

घर वापसी का मार्ग आर्य समाज ने शुरू किया
-आर्य रविदेव गुप्त

नैनीताल l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “राष्ट्र उत्थान” में आर्य समाज की भूमिका विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया I य़ह करोना काल में 682 वाँ वेबिनार था I वैदिक प्रवक्ता प्रो. नरेंद्र आहूजा विवेक ने कहा कि मुगलों के शासन काल में राष्ट्रवाद को शून्य कर दिया था उसे महर्षि दयानन्द सरस्वती ने पुनर्जीवित कर दिया I उन्होंने कहा कि महर्षि दयानन्द की प्रेरणा से अनेकों नौजवान आजादी की लड़ाई में कूद पड़े I 1866 में ही स्वामी जी ने महारानी विक्टोरिया को पत्र लिखकर कहा था कि यदि गौ हत्या बन्द नहीं हुई तो 1857 की क्रांति पुनः हो सकती है I पुरातन गुरूकुल प्रणाली की शुरुआत की I हिन्दी भाषा को सम्मान दिया I जो हिंदू किन्हीं कारणों से मुसलमान या ईसाई बन गए थे उनके लिए घर वापसी अभियान शुरू किया I वेदों का भाष्य और सत्यार्थ प्रकाश कि रचना की I शारदा एक्ट बनवा कर कन्याओं कि विवाह सीमा 18 वर्ष करवायी I कोई कितना ही करे परंतु स्वदेशी राज्य सर्वोत्तम है कह कर स्वदेशी की राष्ट्रवाद का शंखनाद किया I गुरुकुल, अनाथालय, गौ शाला खोलने की शुरुआत की साथ ही आर्य समाज की स्थापना कर पाखंड अन्धविश्वास पर सीधा प्रहार किया जिसका सर्वत्र स्थापना हुई इस तरह अनेकों कार्य योजना कर राष्ट्रीय भावना का उदय हुआ I मुख्य अतिथि आर्य नेता सतीश नागपाल व अध्यक्ष आर्य नेत्री रजनी गर्ग ने कहा कि स्वामी जी ने सामाजिक समरसता की स्थापना की I कुशल संचालन परिषद अध्यक्ष अनिल आर्य ने किया I प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया I गायिका प्रवीना ठक्कर, कौशल्या अरोड़ा, संतोष धर, रविन्द्र गुप्ता, सरला बजाज, कुसुम भंडारी, जनक अरोड़ा, उषा सूद आदि ने मधुर भजन सुनाए I

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