स्वाभिमान के प्रतीक नेताजी सुभाष” पर गोष्ठी संपन्नसंघर्ष और बलिदान के पर्याय थे नेता जी सुभाष-आचार्य चन्द्रशेखर शर्मा

नैनीताल l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127 वी जयंती पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया I यह करोना काल से 606 वां वेबिनार था I
उल्लेखनीय है कि आपका जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक उड़ीसा में हुआ था I

वैदिक विद्वान आचार्य चन्द्र शेखर शर्मा (ग्वालियर)
ने कहा कि नेताजी सुभाष स्वतंत्रता संग्राम के महा नायक थे, उनका स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य योगदान रहा I वह गर्म दल के नेता था उनका मानना था कि अंग्रेज अहिंसा से नहीं जाएंगे अपितु इसके लिए सशस्त्र क्रांति आवश्यक है
इसलिए उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना करके अंग्रेजी सता को खुली चुनौती दी।वह जाति वाद मुक्त समता मूलक समाज की स्थापना करने के हिमायती थे।राष्ट्र की वर्तमान परिस्थितियों में पूरे हिन्दू समाज को संगठित होना आवश्यक है तभी हम राष्ट्र की रक्षा कर पायेंगे देश में जहां जहां हिन्दू अल्पसंख्यक हुआ वहां अलगाववाद वा आंतकवाद पनपा है।

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परिषद अध्यक्ष अनिल आर्य ने महर्षि दयानन्द जी की 200 वीं जयंती पर नयी योजनाए बनाने का आह्वान किया।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने समाज को समाज जागृत करने का आह्वान किया।

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मुख्य अतिथि आर्य नेत्री विमल सचदेवा व अध्यक्ष विमला आहूजा ने अपने विचार व्यक्त किये l

गायिका प्रवीना ठक्कर, कमला हंस, कौशल्या अरोड़ा, जनक अरोड़ा, विजय खुल्लर, संतोष धर आदि के मधुर भजन हुए I

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