मृदा रहित खेती / हाइड्रोपोनिक तकनीक विकसित की जा रही लाल फूल गोभी

नैनीताल। उत्तराखण्ड जैवप्रौद्योगिकी परिषद् के क्षेत्रीय केन्द्र पटवाडांगर में मृदा रहित खेती अथवा हाइड्रोपोनिक तकनीक के माध्यम से लाल फूल गोभी विकसित की जा रही है। परिषद् के निदेशक डा. संजय कुमार ने बताया है कि लाल फूल गोभी में प्रचुर मात्रा में केरोटीन, फाइबर व एंटीऑक्सीडेन्ट पाये जाते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। डा. संजय कुमार ने कहा कि लाल फूल गोभी की खेती से उत्तराखण्ड के किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं।

पटवाडांगर केन्द्र के प्रभारी डा. सुमित पुरोहित ने बताया कि ने बताया कि हाइड्रोपोनिक तकनीक से मिट्टी के बिना पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों का उपयोग किया जाता है तथा पानी का पीएच 5.8 रखा जाता है जिससे यह फसल उगाई जा रही है। इस विधि से खेती करने में पानी का बहुत कम उपयोग किया जाता है जिससे पानी की बचत भी होती है तथा किसी भी प्रकार के कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया जाता है, पूर्व में भी विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन इस विधि से किया जा चुका है। जिसमें जल के माध्यम से लाभाकारी सूक्ष्म तत्व पौधों में पहुंचाए जाते हैं व इस विधि से विकसित किये गए पौधे उच्च गुणवत्ता के होते हैं व इनमें कीटाणुओं व फंगस के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है। बताया कि लाल फूल गोभी में केरोटीन व कई सारे अन्य विटामिंस अधिक मात्रा में पाये जाने से यह आंखों व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में लाभकारी है। डा. पुरोहित ने बताया कि पटवाडांगर में लाल फूल गोभी पर कार्य परिषद् के निदेशक डा. संजय कुमार के दिर्शानिर्देश पर किया जा रहा है।।

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