डीएसबी कैंपस के गलियारों से निकले वैज्ञानिक डॉ. रूप सिंह भाकुनी ने छात्रों को दी सफलता की प्रेरणा, 70 से अधिक पेटेंट धारक वैज्ञानिक ने साझा किए अपने संघर्ष, शोध और उद्यमिता के अनुभव

नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी कैंपस में रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान में प्रख्यात वैज्ञानिक, उद्यमी और लेखक तथा कैंपस के पूर्व छात्र डॉ. रूप सिंह भाकुनी ने “फोंड मेमोरीज़ फ्रॉम द कॉरिडोर ऑफ डीएसबी कैंपस” शीर्षक से अपने जीवन के अनमोल पलों और शोध यात्रा की कहानी सुनाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत ने की।
अपने भावुक संबोधन में डॉ. भाकुनी ने बताया कि डीएसबी कैंपस की कक्षाएं, प्रयोगशाला और हॉस्टल की वो शामें ही थीं जिन्होंने उन्हें एक साधारण पहाड़ी छात्र से विश्व स्तर के वैज्ञानिक और उद्योगपति बनाया। बीएससी और एमएससी की पढ़ाई यहीं से पूरी करने वाले डॉ. भाकुनी ने बताया कि कैसे कैंपस के प्रोफेसरों की प्रेरणा और साथियों की मित्रता ने उनकी जिज्ञासा को वैज्ञानिक दिशा दी।
पॉलीमर साइंस और टायर टेक्नोलॉजी में विश्व प्रसिद्धि प्राप्त डॉ. भाकुनी ने अपने 70 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पेटेंट, हुंडई स्टील (दक्षिण कोरिया) में उच्च पद पर कार्यकाल और भारत में कई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की सफलता गाथा सुनाई। उन्होंने विशेष रूप से उत्तराखंड के युवाओं को रोजगार और अवसर उपलब्ध कराने तथा “उत्तराखंड की प्रतिभाएं” पुस्तक के माध्यम से राज्य की जीवित हस्तियों को सम्मान देने के अपने प्रयासों का जिक्र किया। पहाड़ फाउंडेशन के माध्यम से समाजसेवा में उनकी सक्रिय भागीदारी भी सराही गई।
युवा शोधार्थियों को संदेश देते हुए उन्होंने कहा, “सपने देखिए, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत, अनुशासन और ईमानदारी से काम कीजिए। पहाड़ का पानी और डीएसबी कैंपस की मिट्टी में वो ताकत है जो आपको दुनिया में कहीं भी ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है।”
रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. चित्रा पांडे ने डॉ. भाकुनी का स्वागत करते हुए उन्हें विभाग का गौरव बताया। कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत ने उनके योगदान की प्रशंसा की और भविष्य में ऐसे अलुम्नाई संवाद कार्यक्रमों को नियमित करने की घोषणा की।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. ललित तिवारी ने किया। इस अवसर पर निदेशक डॉ. नीता बोरा शर्मा, प्रो. एच.सी.एस. बिष्ट, प्रो. रितेश शाह, प्रो. एन.जी. साहू, डॉ. सुहेल जावेद, प्रो. महेश चंद्र आर्या, डॉ. मनोज धौनी, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. ललित मोहन, डॉ. गिरीश खर्कवाल, डॉ. दीपशिखा जोशी, डॉ. आंचल अनेजा, डॉ. आकांक्षा रानी, डॉ. भावना पंत, श्री चंदन डांगी सहित सैकड़ों शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
अंत में कुलपति महोदय ने डॉ. भाकुनी को शॉल, स्मृति चिह्न एवं पौधा भेंट कर सम्मानित किया। यह आयोजन डीएसबी कैंपस के विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक अध्याय बन गया।

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