1880 की आपदा में मृतकों की स्मृति में प्रार्थना सभा

नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल में 18 सितंबर 1880 को घटित भयावह आपदा की स्मृति में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सेंट जॉन्स इन द विल्डर्नेस गिरजाघर में आगरा डायोसिस चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के सौजन्य से प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इस आपदा में अल्मा पहाड़ी से हुए भीषण भूस्खलन ने 151 लोगों की जान ले ली थी। मृतकों की आत्मा की शांति और नगर को भविष्य में ऐसी आपदाओं से सुरक्षित रखने की कामना हेतु यह वार्षिक परंपरा निभाई जाती है। प्रार्थना सभा की शुरुआत रेवरेंड जॉन जॉर्ज मुनावर ने की। इसके उपरांत “O God Our Help in Ages Past” भजन गाया गया तथा ब्र. जी. डी. स्टीफन ने प्रारंभिक प्रार्थना कराई। इसके बाद बाइबल से भजन संहिता 46 एवं 1 कुरिन्थियों 15:20–28 का पाठ हुआ, जिसमें ईश्वर की शरण, सामर्थ्य और अनन्त जीवन का संदेश निहित है।कार्यक्रम में ऑल सेंट्स कॉलेज, शेरवुड कॉलेज, सेंट मैरीज़ कॉन्वेंट कॉलेज, बिशप शॉ स्कूल, वुडब्रिज स्कूल और सेंट जॉन्स स्कूल के विद्यार्थियों ने विशेष गीत प्रस्तुत किए। श्रद्धा और भावनाओं से भरे “Nearer, My God, To Thee”, “Rock of Ages” तथा “Abide With Me” जैसे भजनों ने वातावरण को गंभीर और संवेदनशील बना दिया।सभा को संबोधित करते हुए श्री ए. संधू, प्रधानाचार्य शेरवुड कॉलेज ने उत्तराखंड में हाल ही में घटित हुई आपदाओं का उल्लेख किया और सभी से एक माली की तरह इस पृथ्वी की रक्षा करने का संदेश दिया। श्रीमती ज्योत्सना सोलोमन ने मध्यस्थता प्रार्थनाएँ कराईं नगर, राज्य और राष्ट्र की उन्नति के लिए दुआएँ पढ़ीं और । श्री ए. पी. सिंह ने 1880 के विनाशकारी भूस्खलन का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। इसके पश्चात रेवरेंड मुनावर ने बाइबिल से अध्याय पढ़कर परमपिता की महिमा का वर्णन किया और इसके माध्यम से विश्वास, धैर्य और सामुदायिक एकता पर प्रकाश डाला। सेंट मेरीज़ कॉन्वेंट कॉलेज की प्रधानाचार्या सिस्टर मंजूषा ने नगरवासियों और दुनिया के सभी भाई बंधुओं की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। इस दौरान इस विषय पर आयोजित की गई चित्रकला प्रतियोगिता में विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान ऑल सेंट्स कॉलेज की कनिका जोशी, द्वितीय पुरस्कार वूडब्रिज स्कूल के शिरीष कुमार बैसवाल और सेंट मेरीज़ कॉलेज की गीतिका पालीवाल और तृतीय पुरस्कार ऑल सेंट्स कॉलेज की लावण्या जोशी और सेंट जॉन्स स्कूल की रुद्रांशी के नाम रहा।सभा में नगर के प्रमुख विद्यालयों के छात्र-छात्राओं एवं प्रधानाचार्यों के साथ कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।कार्यक्रम का समापन रेवरेंड मुनावर द्वारा बेनेडिक्शन के साथ हुआ। यह वार्षिक प्रार्थना सभा न केवल 1880 की आपदा में मृतकों को श्रद्धांजलि देती है, बल्कि जीवन की नश्वरता, आस्था की शक्ति और समुदाय की एकता का संदेश भी संप्रेषित करती है।
















