कुमाऊं विश्वविद्यालय विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय तथा एलुमनी सेल कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हिमालय की जैव विविधता पर विषय पर पर्यावरण विद ,छायाकार ,विजिटिंग प्रोफेसर कुमाऊं विश्वविद्यालय तथा पद्मश्री अनुप साह ने व्याख्यान दिया

नैनीताल l कुमाऊं विश्वविद्यालय विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय तथा एलुमनी सेल कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हिमालय की जैव विविधता पर विषय पर पर्यावरण विद ,छायाकार ,विजिटिंग प्रोफेसर कुमाऊं विश्वविद्यालय तथा पद्मश्री अनुप साह ने व्याख्यान दिया । अनूप साह ने प्रकृति संरक्षण और प्रकृति-फोटोग्राफी के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रो.ललित तिवारी, निदेशक, विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय तथा महासचिव एलुमनी सेल के स्वागत भाषण से हुई। प्रो. एच. सी. एस. बिष्ट, मुख्य कुलानुशासक ने सभी का स्वागत किया। प्रो. तिवारी ने पद्मश्री अनुप साह का परिचय देते हुए बताया कि वे नैनीताल माउंटेनियरिंग क्लब के अध्यक्ष हैं और उन्होंने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। अनुप साह एक कुशल पर्वतारोही तथा एक जाने-माने वन्यजीव व सांस्कृतिक फोटोग्राफर भी हैं। वे हिमालयी अभियानों में भागीदारी और प्राकृतिक जीवों के व्यवहार के अध्ययन के विशेषज्ञ है। अपने व्याख्यान में अनुप साह ने भारतीय हिमालयी क्षेत्र, विशेषकर उत्तराखंड की जैव विविधता पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बायोडायवर्सिटी का अर्थ समझाते हुए नैनीताल की वनस्पतियों और जीवों की विविधता पर चर्चा की। उन्होंने छात्रों को विभिन्न प्रजातियों की संरक्षण आवश्यकता, वन्यजीव व्यवहार, और प्राकृतिक फोटोग्राफी की तकनीक के बारे में बताया और छात्रों के लिए इसमें उपलब्ध करियर विकल्पों पर भी चर्चा की।उन्होंने खाद्य मशरूम, औषधीय गुणों से भरपूर कीड़ा जड़ी, जो आज स्थानीय दोहन का शिकार है, तथा पटवा पौधे के महत्व पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने हिमालय की पक्षी प्रजातियों जैसे: मोनाल स्नो पार्ट्रिज हिल पार्ट्रिज ग्रेट येलोनैप थ्रश, बैबलर, मैगपाई, ब्रॉडबिल, हॉर्नबिल विभिन्न प्रकार की बतखें और हंसके बारे में रोचक जानकारियाँ दीं।
उन्होंने यह भी बताया कि हर 12 साल में खिलने वाला कंडाली फूल अब वर्ष 2027 में पुनः खिलेगा, जो जैव विविधता के चक्र को दर्शाता है। पद्मश्री अनूप साह ने कहा कि की हिमालय की रेंज उत्तराखंड में 320 किलोमीटर है जहां नंदा देवी पर्वत ,कामत सहित 200 पर्वत है । उत्तराखंड में 102 स्तनधारी ,790 चिड़िया , 124 मछलियां ,69 रेप्टाइल्स मिलती है , 4000 पौधों की प्रजाति जिसमें से एक तिहाई मेडिसिनल ,161 रेयर तथा 30 प्रतिशत एनडेमिक है ।विशेष व्याख्यान में पद्मश्री अनूप साह को पुष्प गुच्छ भेट किया गया तथा शॉल उड़ाकर एवं हर्षित कुमार द्वारा बनाए उनके स्केच भेट कर सम्मानित किया गया ।
छात्रों और शिक्षकों ने इस व्याख्यान को अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया। कार्यक्रम में प्रॉफ लता पांडे , प्रॉफ अनिल बिष्ट ,प्रॉफ नीलू लोदियाल , डॉ पैनी जोशी ,डॉ मनोज आर्य , डॉ कपिल खुलबे ,डॉ नवीन पांडे ,डॉ हेम जोशी ,डॉ प्रभा पंत ,डॉ हिमानी कार्की , दिशा ,विशाल ,मयंक ,आनंद ,,गौरव ,लता नीतवाल ,वसुंधरा ,पूजा गुप्ता सहित जूलॉजी ,बॉटनी ,के विद्यार्थी उपस्थित रहे ।