वन वर्धनिक नैनीताल की वन अनुसंधान रेंज ज्योलीकोट गाजा द्वारा पदम महोत्सव मनाया गया

नैनीताल l वन वर्धनिक नैनीताल की वन अनुसंधान रेंज ज्योलीकोट गाजा द्वारा पदम महोत्सव मनाया गया।
गुरुवार को विभाग की अनुसंधान शाखा की अनुसंधान रेंज गाजा द्वारा चारखेत क्षेत्र में पदम महोत्सव का आयोजन किया गया।
इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य पदम, कुमाऊँ में पैंय्या वृक्ष जिसका वैज्ञानिक नाम प्रूनस सेरेसोडिस है को संरक्षित करना। पूरे उत्तराखंड में जापान और शिलांग की तर्ज पर चेरी फेस्टिवल की तरह पदम महोत्सव को मनाना है। यह वन विभाग की एक अनूठी पहल है जो राज्य की समृद्ध प्राकृतिक विरासत को सांस्कृतिक महत्व के साथ जोड़ती है। पदम का स्थानीय संस्कृति में गहरा स्थान है इसे पवित्र माना जाता है और महाशिवरात्रि जैसे त्यौहारों पर इसकी पत्तियों का उपयोग किया जाता है। पूजा व अन्य पारंपरिक कार्यक्रम के आयोजनों में इसका उपयोग करते हैं। यह आयोजन मुख्य रूप से पदम के खिलने के समय आमतौर पर शरद ऋतु अक्टूबर से नवंबर में आयोजित किया जाएगा जिससे हिमालय की घाटियाँ जिस समय हिमालय की घाटियाँ पदम/ पैंय्या के गुलाबी और सफेद फूलों से लदी रहती हैं। आयोजन के दौरान पदम के फूलों की सुंदरता के साथ-साथ स्थानीय कला हस्तशिल्प और लोक परंपराओं का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इस आयोजन को मनाने की पहल अनुसंधान शाखा के मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी द्वारा अगस्त माह में अनुसंधान सलाहकार समिति की बैठक के दौरान प्रस्ताव के रूप में प्रस्तुत की गई थी तथा वर्तमान में वन संरक्षक महोदया अनुसंधान शाखा श्रीमती तेजस्विनी पाटिल के नेतृत्व में पूरे उत्तराखण्ड में इस आयोजन को अनुसंधान रेंजों द्वारा मनाया जा रहा है तथा अगले वर्ष आयोजन को वन विभाग के सभी डिवीजनों द्वारा भी मनाया जाएगा। आयोजन के दौरान क्षेत्राधिकारी अनुसंधान रेंज दिनेश तिवारी उपवन क्षेत्राधिकारी अनुसंधान रेंज मनोज कुमार मेलकानी, अनुसंधान सहायक योगेश चन्द्र त्रिपाठी, वन दारोगा गीता गोस्वामी, वन आरक्षी पूरन आर्या, वन आरक्षी परवेज़ दाउदी, वन आरक्षी कमला जोशी, ग्राम प्रधान श्रीमती हँसी नेगी, जीवन सिंह नेगी, राजकीय बालिका इंटर कालेज खुरपाताल की अध्यापिका श्रीमती शबनम व श्रीमती सविता आर्या तथा अर्जुन कुमार व अनुसंधान रेंज का समस्त फील्ड स्टाफ तथा स्कूली छात्र छात्राएं व स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे। कार्यक्रम में मेरी पदम कहानी, पदम संरक्षण शपथ, चित्रकला व निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

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