वेटरन्स इंडिया द्वारा कुमाऊँ विश्वविद्यालय को 2025 का राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार

नैनीताल। कुमाऊँ विश्वविद्यालय को वेटरन्स इंडिया द्वारा वर्ष 2025 का राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया है। इस प्रतिष्ठित सम्मान के माध्यम से कुमाऊँ विश्वविद्यालय को देश के शीर्ष 13 संस्थानों में स्थान दिया गया है, जो छात्रों में राष्ट्रभक्ति, नेतृत्व क्षमता, सामुदायिक सेवा, युवा सशक्तिकरण तथा मूल्य-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु प्रभावी और प्रेरणादायी पहल कर रहे हैं। यह पुरस्कार एक पांच-सदस्यीय निर्णायक मंडल द्वारा प्रदान किया गया, जिसका नेतृत्व एक पूर्व उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने किया। निर्णायक मंडल में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ शामिल थे। इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कुमाऊँ विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत ने 16 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में यह पुरस्कार ग्रहण किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. डी. एस. रावत ने वेटरन्स इंडिया एवं निर्णायक मंडल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्र के वरिष्ठ सैनिकों एवं रक्षा समुदाय के सम्मान तथा युवाओं में राष्ट्रीय चेतना के संवर्धन हेतु किए गए सतत प्रयासों की मान्यता है। उन्होंने बताया कि विगत दो वर्षों में विश्वविद्यालय ने एनसीसी एवं एनएसएस गतिविधियों को सशक्त करने, ग्रामीण क्षेत्रों को अपनाने, सामाजिक उत्थान में सक्रिय सहभागिता, छात्रों के लिए प्रेरक व्याख्यानों का आयोजन तथा रक्षा कर्मियों के सम्मान हेतु विशेष कार्यक्रमों जैसी अनेक सार्थक पहलें की हैं। वेटरन्स इंडिया द्वारा प्रदान किया जाने वाला ‘गर्वित राष्ट्र पुरस्कार–2025’ एक अत्यंत प्रतिष्ठित पहल है, जिसका उद्देश्य उन शैक्षणिक संस्थानों को पहचान देना है जो देश के नैतिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय पुनर्जागरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह सम्मान केवल औपचारिक पुरस्कार नहीं, बल्कि उन संस्थानों के लिए राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है जो भारत के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ सक्रिय रूप से संरेखित हैं। इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय परिवार की ओर से कुलसचिव डॉ. एम. एस. मंद्रावल, प्रो. नीता बोरा शर्मा (निदेशक, डीएसबी परिसर), प्रो. संजय पंत, प्रो. संतोष कुमार, प्रो. ललित तिवारी, प्रो. रीतेश साह, प्रो. एच. सी. एस. बिष्ट तथा डॉ. उमंग सहित अन्य शिक्षकों एवं कार्मिको ने हर्ष और प्रसन्नता व्यक्त की।