युवा जलवायु वैज्ञानिकों को सशक्त बनाने की पहलविद्यालयों में आरंभ

नैनीताल l स्कूल शिक्षा विभाग, उत्तराखंड तथा SPECS के संयुक्त तत्वावधान में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार एवं ISRO के तकनीकी सहयोग से “डिजिटल मौसम निगरानी यंत्र निर्माण एवं उसके अनुप्रयोग” विषय पर तीन दिवसीय कार्यशालाएँ 2 से 6 दिसंबर 2025 तक सफलतापूर्वक आयोजित की गईं।
ये कार्यशालाएँ निम्नलिखित स्थानों पर संपन्न हुईं—

  1. दिल्ली पब्लिक स्कूल, रुद्रपुर
  2. राजकीय इंटर कॉलेज, खुमाड़ (सुल्त ब्लॉक), अल्मोड़ा
  3. राजकीय इंटर कॉलेज, धूमाकोट (नैनीडांडा ब्लॉक), पौड़ी गढ़वाल
    यह कार्यक्रम उत्तराखंड के 50 चयनित विद्यालयों में जलवायु परिवर्तन के वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा देने तथा छात्रों को उपग्रह आधारित तकनीकों का प्रशिक्षण देने की राज्यव्यापी पहल का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पहल के अंतर्गत विद्यालयों की कक्षाओं को स्कूल क्लाइमेट रिसर्च लैब्स के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहाँ छात्र आईएसआरओ के भूवन पोर्टल की सहायता से पर्यावरणीय डाटा का विश्लेषण कर सकेंगे।
    रुद्रपुर में कार्यशाला का उद्घाटन दिल्ली पब्लिक स्कूल, रुद्रपुर के प्रधानाचार्य चेतन चौहान ने, सल्ट ब्लॉक में रा०इ०का० खुमाड़ के प्रधानाचार्य हुकम सिंह ने तथा नैनीडांडा में रा०आ०इ०का० धूमाकोट के प्रधानाचार्य आनंद सिंह बिष्ट ने किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भौगोलिक रूप से अत्यंत संवेदनशील राज्य है, इसलिए मौसम विज्ञान संबंधी जागरूकता जीवन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक है।
    विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विशेषज्ञ— राघव शर्मा एवं सचिन शर्मा ने तीन दिनों तक शिक्षकों एवं छात्रों को निम्न विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया
  • डिजिटल मौसम निगरानी यंत्र का डिजाइन एवं असेंबली
  • यंत्रों के फील्ड- आधारित अनुप्रयोग
  • ISRO Bhuvan App द्वारा जलवायु एवं भू-डाटा विश्लेषण
    कार्यशाला के उपरांत प्रत्येक विद्यालय को एक डिजिटल मौसम निगरानी यंत्र उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके माध्यम से छात्र एक वर्ष तक स्थानीय पर्यावरणीय डाटा संकलित कर उसे ISRO के साथ साझा करेंगे।
    SPECS के प्रतिनिधि शंकर दत्त ने बताया कि रुद्रपुर के साथ-साथ अल्मोड़ा के सल्ट ब्लॉक और पौड़ी के नैनीडांडा ब्लॉक में भी इसी प्रकार की कार्यशालाएँ आयोजित की गईं। रुद्रपुर ब्लॉक से लगभग 20 विद्यालयों के विज्ञान शिक्षक एवं छात्र प्रतिभागी रहे।
    आईएसआरओ भूवन द्वारा उपग्रह-आधारित सीख कार्यशालाओं में छात्रों को भूवन प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग सिखाया गया, जिसमें शामिल हैं—
  • भू-उपयोग एवं वनस्पति परिवर्तन की निगरानी
  • जल संसाधनों का मानचित्रण
  • जलवायु एवं भौगोलिक जोखिम विश्लेषण
  • बुनियादी GIS अनुप्रयोग
  • उपग्रह डाटा की तुलना स्थलीय मापों के साथ
    इस प्रशिक्षण से छात्रों में विश्लेषणात्मक क्षमता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का उल्लेखनीय विकास हुआ।
    पर्यावरण मॉनिटरिंग यंत्र (EMD) निर्माण प्रशिक्षण
    STEM आधारित प्रायोगिक शिक्षा को सशक्त करने के उद्देश्य से छात्रों को स्कूल-स्तरीय Environmental Monitoring Device (EMD)—एक लघु मौसम स्टेशन—बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। यंत्र में शामिल हैं—
  • तापमान, आर्द्रता एवं वायुदाब सेंसर
  • वर्षामापक
  • गैस/एयर-क्वालिटी सेंसर
  • ESP8266 माइक्रोकंट्रोलर
  • 3D-प्रिंटेड सुरक्षात्मक बॉडी
  • बैटरी/एडॉप्टर आधारित ऊर्जा आपूर्ति
    स्थापित होने के बाद यह यंत्र वास्तविक समय में पर्यावरणीय डेटा रिकॉर्ड करेगा, जिसे छात्र उपग्रह डाटा के साथ तुलना कर वैज्ञानिक अध्ययन करेंगे।
    मुख्य शैक्षणिक लाभ
  • STEM कौशल विकास: इलेक्ट्रॉनिक्स, सेंसर एकीकरण, कोडिंग एवं डाटा विश्लेषण
  • जलवायु जागरूकता: स्थानीय व वैश्विक पर्यावरणीय परिवर्तनों की समझ
  • अनुसंधान प्रवृत्ति: अवलोकन, रिकॉर्डिंग एवं वैज्ञानिक विश्लेषण
  • सामुदायिक उपयोगिता: किसान, स्थानीय प्रशासन और पर्यटन सेक्टर हेतु उपयोगी डाटा
    राज्यव्यापी ‘यंग सिटिजन साइंटिस्ट’ नेटवर्क
    उत्तराखंड के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में स्थापित ये यंत्र एक सशक्त जलवायु डाटा नेटवर्क का निर्माण करेंगे। विद्यालय सक्रिय क्लाइमेट ऑब्जर्वेशन सेंटर के रूप में कार्य करेंगे, जिससे छात्र वास्तविक जलवायु संरक्षण अभियानों में सहभागी बनेंगे।
    “यह कार्यक्रम उपग्रह तकनीक और छात्र-नेतृत्व वाली विज्ञान शिक्षा का प्रेरणादायी संगम है। डेटा आधारित जलवायु समझ विकसित कर हम भविष्य के इनोवेटर्स और पर्यावरण नेताओं को तैयार कर रहे हैं।”
    डॉ. बृज मोहन शर्मा, राष्ट्रीय पुरस्कार-प्राप्त विज्ञान संप्रेषक एवं नवोन्मेषक कार्यक्रम में सम्मिलित विद्यालय
    सल्ट ब्लॉ (अल्मोड़ा),
    रा.इ.का. देवायल, मनीला, झीपा, बांगीधार, नैकणा पैसिया, झाडगांव, झिमार, खुमाड़,
    रा.उ.मा.वि. औनेड़ी तराड़, थलामनराल, कफल्टा, कनेखलपटि, मैठानी, भयाड़ी,
    भीताकोटखा, सल्ट पब्लिक स्कूल, फुल्केन्द्रनगर
    नैनीडांडा ब्लॉक (पौड़ी)रा.आ.इ.का. धूमाकोट, पटोटिया, शंकरपुर, नैनीडांडा, अदालीखाल, किनगोड़ीखाल,
    हल्दुखाल, खिरैरीखाल, कालिंकाखाल, डुंगरी
    रुद्रपुर ब्लॉक (उधमसिंहनगर):
    रा०ए०का० बरकी, न्यू हाई स्कूल रुद्रपुर, रा०इ०का० मटकोटा,
    रा०ए०का० रामनगर, बगवाड़ा, उकला, पखोटीनेसोरिया, फटनाखाल, पारीवाड़ा,
    जनता स्कूल रुद्रपुर, DPS रुद्रपुर, सेंटर पब्लिक स्कूल फटनाखाल,
    आर्य कन्या स्कूल रुद्रपुर, गीता स्कूल रुद्रपुर, कॉमर्स स्कूल रुद्रपुर,
    एमएसपी स्कूल रुद्रपुर, माउंट लिटराजगर, कैम्पस स्कूल रुद्रपुर, भुजराही,
    भारतीय स्कूल लालपुर
    उक्त 50 विद्यालयों में मौसम मापन यंत्र स्थापित कर दिए गए हैं, जिनसे विद्यार्थी एवं शिक्षक प्रतिदिन पर्यावरणीय डाटा एकत्र करेंगे। इस कार्यशाला में सभी 50 विद्यालयों के छात्र व शिक्षक सम्मिलित रहे।
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