उत्तर भारत की प्रथम लोहे की भट्टी ।कालाढूंगी (नैनीताल)! दिनांक – १४-०५-२०२५ आलेख व छायांकन -बृजमोहन जोशी


नैनीताल। मै० डेविस एण्ड कम्पनी द्वारा यह लोहे की भट्टी सन् 1858 में बनाई गई थी। इसके लिए कच्चा माल लौह अयस्क एवं ईंधन के लिए लकड़ी पास के जंगल एवं पहाड़ियों से आसानी से उपलब्ध हो जाती थी।इस लोहे की भट्टी के लिए पानी बौर नहर से आता था।इस भट्टी को कुमाऊं कमिश्नर
सर हेनरी रेमजे द्वारा सन् 1876 में पेड़ों के कटान पर रोक लगाने के बाद बन्द कर दिया गया। इस भट्टी की चार संरचनाएं आज भी यहां सुरक्षित है तथा इस वर्ष इनकी टूट फूट की मरम्मत का कार्य भी किया गया है। जिसका अवलोकन आप छायाचित्रों के माध्यम से कर सकते हैं।

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