वित्त मंत्री द्वारा 58 मिनट का बजट भाषण मात्र चुनावी भाषण कांग्रेस नेता त्रिभुवन फर्त्याल

नैनीताल l कांग्रेस नेता त्रिभुवन फर्त्याल ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा 58 मिनट का बजट भाषण “चुनावी भाषण” अधिक प्रतीत हुआ । समाज का युवा,किसान,व्यापारी एवं आम नौकरीपेशा वर्ग अंतरिम बजट से बहुत अधिक उम्मीद लगाए बैठा था किंतु अंत में इन वर्गों को वित्त मंत्री द्वारा निराश ही किया है। देश के युवाओं हेतु रोजगार उपलब्धता के संदर्भ में कोई बात स्पष्ट रूप से बजट में नहीं कहीं गयी । महंगाई कम करने हेतु पेट्रोल डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने की उम्मीद थी ,किंतु निराशा हाथ लगी। जहां एक तरफ वित्त मंत्री द्वारा अंतरिम बजट पेश किया जा रहा था ठीक उसी समय व्यवसायिक गैस सिलेंडर की कीमतें बढ़ गई थी। किसान सम्मान निधि की धनराशि को बढ़ाने की बहुप्रतीक्षित मांग को दरकिनार कर खेती किसानी से जुड़े विशेष कर पहाड़ी सीमांत काश्तकारों के हाथ निराशा हाथ लगी। समाज का प्रत्येक वर्ग व्यापारी से लेकर आम जनमानस आयकर टैक्स स्लैब में छूट की बेसब्री से उम्मीद लगाए बैठा था ,किंतु वित्त मंत्री द्वारा स्पष्ट रूप से अपने बजट भाषण में आम जनमानस की इस मांग को दरकिनार कर निराश किया। पूंजीपतियों के “कारपोरेट टैक्स” को ३०% से घटाकर २२% किया जाना सरकार की मंशा को स्पष्ट रूप से परिलक्षित करता है। कुल-मिलाकर यह अंतरिम बजट ना केवल “फ्लैट बजट” लगता हैं बल्कि चुनावी भाषण के साथ ही साथ पूंजीपतियों को छोड़ युवाओं, किसानों, छोटे – मझोले व्यापारियों, नौकरीपेशा वर्गों सहित आम जनमानस विरोधी प्रतीत होता हैं।

Advertisement
Advertisement
Ad
Advertisement
Advertisement