आनंदशाला के समापन पर सुंदर प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गई

नैनीताल । शैल कला एवं ग्रामीण विकास समिति के तत्वाधान में आयोजित निर्धन छात्र- छात्राओं के व्यक्तित्व विकास हेतु 25 दिवसीय आनंदशाला शिविर (समर कैंप) के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ ललित नारायण मिश्रा, अपर निदेशक शहरी विकास निदेशालय, अध्यक्षता पदमश्री कल्याण सिंह रावत “मेती” विशिष्ट अतिथि प्रधानाचार्य सुरेंद्र सिंह बिष्ट, शिविर के संयोजक तथा संस्था के अध्यक्ष स्वामी एस चन्द्रा, डा माया saksebaने दी प्रचलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया
मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर ललित नारायण मिश्र ने कहा ऐसे कार्यक्रम से जहां निर्धन छात्राओं की आवश्यकता है पूरी होती हैं वही विभिन्न देश से भी बचते हैं स्वामी जी की कार्य योजना की प्रशंसा करते हुए इस प्रकार के आयोजन करने के लिए प्रसन्नता जाहिर की तथा भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होने की होने हेतु अनुरोध किया कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पदम श्री कल्याण सिंह रावत ने कहा ऐसे आयोजन समाज को एक नई दिशा देते हैं और स्वामी जी की पहल बहुत सटीक बैठती है संस्कृति बचाने के साथ समाज को बचाना भी जरूरी है प्रधानाचार्य सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों का स्वागत किया, कार्यक्रम में नृत्य की विभिन्न परिस्थितियों जिसमें रामायण रासलीला शिव कीर्तन कथक नृत्य द्रोपदी चीर हरण गणेश वंदना सरस्वती वंदना स्वागत गीत एवं यूपीएस तथा देवभूमि के छात्रों छात्र छात्राओं द्वारा सुंदर नृत्य एवं बैंड का प्रस्तुति दी गई अंत में स्वामी जी द्वारा सभी पर शिक्षकों को प्रमाण पत्र दिए गए इस अवसर पर अभिभावक उपस्थित रहे स्थानीय लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया
यूपीईएस एवं देवभूमि के प्रशिक्षुओं चर्चा की गई, स्वामी चंद्रा ने बताया की मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. ललित नारायण मिश्रा (अपर निदेशक, शहरी विकास निदेशालय,उत्तराखंड शासन), कार्यक्रम की अध्यक्षता पदमश्री कल्याण सिंह रावत “मैती” सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद् , विशिष्ट अतिथि संतोष खेतवाल (सुप्रसिद्ध लोक गायक), के अतिरिक्त आयोजन समिति के मुखिया सुरेंद्र सिंह बिष्ट (प्रधानाचार्य, राजकीय इंटर कॉलेज डोभालवाला), आनंदशाला शिविर के संयोजक स्वामी एस चंद्र तथा नृत्य निर्देशिका डॉ. माया वी. सक्सेना की उपस्थिति में समापन कार्यक्रम संपन्न हुआ,
दशावतार के अतिरिक्त कत्थक नृत्य एवं उत्तराखंड के लोक नृत्य, स्वागत गीत एवं विश्वविद्यालय के प्रशिक्षुओं के द्वारा संगीत एवं नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे, छात्रों द्वारा अपने अनुभव भी साझा किये जायेंगे साथ ही 25 दिवसीय आनंदशाला शिविर में उपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं प्रशिक्षुओं एवं सहयोगियों को प्रमाण-पत्र वितरण किए,

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