आशु कवि विजय गुप्त 79 वीं जयन्ती संपन्न, गुप्त जी का जीवन समाज को समर्पित रहा -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
प्रकाशनार्थ समाचार
नई दिल्ली l स्वामी विवेकानंद बाल भारती एजूकेशन व चेरिटेबल सोसाइटी के तत्वावधान में आशु कवि,साहित्यकार वा लेखक विजय गुप्त जी का 79 वीं जयंती समारोह आर्य समाज ग्रेटर कैलाश पार्ट-2,नई दिल्ली में आयोजित किया गया। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आशु कवि विजय गुप्त का जीवन समाज को समर्पित था।वह शिक्षाविद,साहित्यकार, लेखक,नाटककार व समाजसेवी थे।उन्होंने कहा कि विजय गुप्त ने अपना पूरा जीवन पिछड़े,निर्धन बच्चों कि सेवा में संस्कार व शिक्षा देने के लिए न्यौछावर कर दिया।वह देखते ही देखते कविता लिख देते थे।उन्होंने कोरोना काल में अपने विधालय की 6 मास की पूरी फीस माफ कर दी,अभावों में रहकर भी वह सदैव कर्तव्य पथ पर डटे रहे।उनका जीवन एक आदर्श जीवन था जो सदैव
प्रेरणा देता रहेगा।समारोह अध्यक्ष आर्य रवि देव गुप्त ने कहा कि उनका शिक्षा के साथ संस्कार देने का कार्य सराहनीय था।उनकी लिखी पुस्तक “हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर” एक एतिहासिक दस्तावेज है। कालका ग्रुप आफ़ एजुकेशन की निदेशक अंजू मेहरोत्रा ने कहा है की वह मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे उनकी मधुर मुस्कान किसी को भी एक बार में ही अपना बना लेती थी।कविता पाठ के लिए देशभर में उनका भ्रमण चलता रहता था। प्रवीन आर्य पिंकी के मधुर भजन सभी ने पसंद किए।कार्यक्रम का कुशल संचालन ऋचा गुप्ता ने करते हुए अपनी स्मृतियों को साँझा किया और आँखें नम कर दीं। प्रमुख रूप से सुनीता गुप्ता,
सहदेव नागिया,रविन्द्र आर्य, हरिचन्द आर्य ,सुरेन्द्र गुप्त,
स्वदेश शर्मा,श्यामलाल आर्य आदि उपस्थित थे।